नब्बे के दशक में सार्थक फिल्मो का अकाल सा पड गया था, आज का पढ़ा लिखा दर्शक सार्थक और फिल्मों में खोजी विश्व को तबज्जो देता नजर आ रहा है। इस बदलाव ने अच्छे सन्देश या बौद्धिकता के स्तर पर फिल्मों को मौका दिया। ऐसी ही एक हालिया फिल्म है शिनाख्त जो ***** की समस्या को बेबाकी से उजागर करती है। ऐसे ही विषय पर बनी फिल्म शिनाख्त का पोस्टर लांच गोमती नगर के एक होटल सुरा वे में रविवार को हुआ। इस अवसर पर फिल्म के निर्देशक प्रज्ञेश सिंह, एक्टर शिशिर शर्मा और टीम के अन्य लोग मौजूद रहे।
कंपनी सेक्रटरी से फिल्मकार बने लखनऊ के प्रज्ञेश सिंह का ध्यान हमेशा सामाजिक समस्यायों और कुरूतियो पर रहता है। विगत के वर्षो में छोटी सी गुजारिश जैसी 28 मिनट की फिल्म बनाकर चर्चा में रह चुके प्रज्ञेश सिंह ने हाल में ***** जैसी कुप्रथा पर एक फिल्म का निर्माण व् निर्देशन किया है। प्रज्ञेश को सामाजिक मुद्दों पर फिल्म निर्माण करना व्यावसायिक स्तर पर भले ही फायदे का सौदा न हो, परन्तु उनकी फिल्म को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हमेशा सराहना मिली है। खतने पर आधारित 40 मिनट की अवधि की फिल्म शिनाख्त को अब तक 24 अंतर्राष्ट्रीय फिल्म उत्सव में प्रदर्शित किया जा चूका है। जिसमेंं से शिनाख्त अभी तक 10 से अधिक पुरस्कार अपने नाम कर चुकी है। उत्तर प्रदेश में फिल्म को बढ़ावा देने की नीति का असर प्रदेश के फिल्मकारों को प्रोत्साहित कर रहा है।