क्या है शक्ति सदन योजना?
शक्ति सदन योजना का उद्देश्य संकटग्रस्त महिलाओं और बेटियों को एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करना है। इन महिलाओं को न केवल रहने की सुविधा मिलेगी, बल्कि उनके पुनर्वास और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जाएंगे। मिशन शक्ति के अंतर्गत सामर्थ्य उप-योजना के तहत यह परियोजना भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित है। यह भी पढ़ें
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मुख्य विशेषताए
रहने की सुविधा: प्रत्येक शक्ति सदन में 50 महिलाओं और बेटियों के रहने की व्यवस्था होगी। बुनियादी सुविधाए: आश्रय, भोजन, कपड़े और प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल जैसी आवश्यक सेवाएँ प्रदान की जाएंगी। पुनर्वास: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण और रोजगार के अवसर दिए जाएंगे।
शक्ति सदन के लिए चयनित जिले
योगी सरकार ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत 10 जिलों को चुना है, जहाँ शक्ति सदन का संचालन होगा। ये जिले हैं: .वाराणसी .अलीगढ़ .आजमगढ़ .कानपुर नगर .चित्रकूट .झांसी .गोण्डा .बस्ती .मिर्जापुर .सहारनपुर
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स्थान और सुविधा: शक्ति सदन को ऐसे स्थान पर स्थापित किया जाएगा, जो जिला मुख्यालय के नजदीक हो और जहाँ परिवहन की बेहतर सुविधा हो।योजना की प्रक्रिया और प्रबंधन
भवन चयन और किराया: प्रत्येक जिले में 50 व्यक्तियों की क्षमता वाले उपयुक्त आवासीय भवन को किराए पर लिया जाएगा। इन भवनों में महिलाओं के रहने की सुविधाओं को सुनिश्चित किया जाएगा। यह भी पढ़ें
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स्टाफ की नियुक्ति: शक्ति सदन के सुचारू संचालन के लिए 9 कर्मचारियों का चयन किया जाएगा। यह कर्मचारी सेवा प्रदाता के माध्यम से नियुक्त किए जाएंगे।महिलाओं के लिए अतिरिक्त सेवाएं
सुरक्षा: महिलाओं की सुरक्षा के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। परामर्श सेवाएँ: मानसिक स्वास्थ्य और कानूनी सहायता के लिए विशेषज्ञ उपलब्ध रहेंगे। शिक्षा और कौशल विकास: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
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