अंग्रेजी वेबसाइट पर छापी गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि उसके रिश्तेदार जोर देकर कहते हैं कि शाइस्ता इस्लाम धर्म की कट्टर है और हमेशा पर्दे के पीछे रहती है। हालांकि इस समय वह ‘इद्दत’ में है। वहीं एसटीएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “तथ्य यह है कि वह अपनी तलाश कर रही दर्जनों पुलिस टीमों से बचने में सफल रही है, यह दर्शाता है कि उसे कम करके नहीं आंका जाना चाहिए।”
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शाइस्ता ने रिश्तेदार ने नाम छिपाते हुए अंग्रेजी वेबसाइट को बताया “शाइस्ता के दो बेटे, उमर और अली जेल में हैं, जबकि उनके नाबालिग बेटे अहज़ान और आबान एक किशोर गृह में पुलिस हिरासत में हैं। शाइस्ता को उनकी सुरक्षा की चिंता है। इसीलिए वह अपने पति, बेटे और देवर के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई।
शाइस्ता ने रिश्तेदार ने नाम छिपाते हुए अंग्रेजी वेबसाइट को बताया “शाइस्ता के दो बेटे, उमर और अली जेल में हैं, जबकि उनके नाबालिग बेटे अहज़ान और आबान एक किशोर गृह में पुलिस हिरासत में हैं। शाइस्ता को उनकी सुरक्षा की चिंता है। इसीलिए वह अपने पति, बेटे और देवर के अंतिम संस्कार में शामिल नहीं हुई।
दावा किया गया है यदि उसे बेटों की सुरक्षा का भरोसा दिलाया जाए तो वह सरेंडर कर सकती है। 2015 में पुलिस महानिरीक्षक यानी आईजी के पद से सेवानिवृत्त होने वाले लाल जी शुक्ला बताते हैं कि अप्रैल 1998 और 2003 में तब के इलाहाबाद और अब के प्रयागराज के एसपी थे।
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पूर्व पुलिस अधिकारी लालजी शुक्ला ने कहा, “अतीक, अशरफ, दो बड़े बेटों उमर और अली के अलग-अलग मामलों में जेल जाने के बाद शाइस्ता उनका अवैध कारोबार संभालने लगी है। वह परिवार और अपने गिरोह में बहुत सम्मानित रूप से देखी जाती है। शाइस्ता एकमात्र ऐसी महिला है, जिसके पास गिरोह और अतीक की संपत्ति संभालने की क्षमता है।” इद्दत में रहकर भी संभाल रही पति का गैंग और संपत्ति
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए दावे के अनुसार पुलिस को अतीक के चकिया स्थित किराए के मकान में कुछ कागजात मिले थे। छापेमारी के दौरान बरामद हुए कागजातों पर शाइस्ता परवीन के दस्तखत मिलना इस ओर संकेत करता है कि पति की मौत के बाद वही अतीक का कारोबार और उसके गैंग का संचालन कर रही है। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि शाइस्ता परवीन ने 2017 के बाद अतीक के जेल जाने के बाद बच्चों के साथ-साथ कारोबार को भी संभाल लिया था।
अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स में किए गए दावे के अनुसार पुलिस को अतीक के चकिया स्थित किराए के मकान में कुछ कागजात मिले थे। छापेमारी के दौरान बरामद हुए कागजातों पर शाइस्ता परवीन के दस्तखत मिलना इस ओर संकेत करता है कि पति की मौत के बाद वही अतीक का कारोबार और उसके गैंग का संचालन कर रही है। हालांकि पुलिस सूत्रों का कहना है कि शाइस्ता परवीन ने 2017 के बाद अतीक के जेल जाने के बाद बच्चों के साथ-साथ कारोबार को भी संभाल लिया था।
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कई चेहरों वाली महिला है 51 साल की शाइस्ता परवीनपूर्व पुलिस अधिकारी लालजी शुक्ला बताते हैं “कई लोग शाइस्ता को एक कुशल गृहिणी और मां के रूप में जानते हैं, जबकि वह एक कुशल व्यवसायी महिला है, जो 2017 में अपने पति अतीक अहमद के जेल जाने के बाद से ही उनके संपत्ति और गैंग को संभाल रही है।” हालांकि विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पुलिस ने दावा किया है कि शाइस्ता खुद एक माफिया डॉन है और अपने पति का गिरोह चलाने में माहिर है।
जानिए क्या है इद्दत और उसका नियम
इद्दत (Iddat) एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ‘प्रतीक्षा की अवधि’ और मुस्लिम महिलाओं के द्वारा इसका पालन किया जाता है। यह पवित्रता की अवधि है, जिसे एक मुस्लिम महिला अपने पति की मृत्यु के कारण या तलाक के कारण अपनी शादी के विघटन यानी भंग होने के बाद पालन करने के लिए बाध्य है।
इद्दत (Iddat) एक अरबी शब्द है जिसका अर्थ है ‘प्रतीक्षा की अवधि’ और मुस्लिम महिलाओं के द्वारा इसका पालन किया जाता है। यह पवित्रता की अवधि है, जिसे एक मुस्लिम महिला अपने पति की मृत्यु के कारण या तलाक के कारण अपनी शादी के विघटन यानी भंग होने के बाद पालन करने के लिए बाध्य है।
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