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पीजीआई के आंकड़े: सफलता की नई कहानीमुख्यमंत्री ने बताया कि वर्ष 2024 में अब तक 1,16,000 मरीजों ने पंजीकरण कराया, जिनमें से 48,600 मरीजों का इलाज किया गया। इसके अलावा, संस्थान ने 14,000 से अधिक ऑपरेशन, 114 किडनी ट्रांसप्लांट, 32 बोन मैरो ट्रांसप्लांट, 1 लीवर ट्रांसप्लांट, 591 ओपन हार्ट सर्जरी और 319 रोबोटिक सर्जरी सफलतापूर्वक की हैं। यह उपलब्धियां एसजीपीजीआई की गुणवत्ता और समर्पण को दर्शाती हैं।
“अगले 5 साल एसजीपीजीआई के लिए बेहद अहम”
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में पीजीआई ने अपनी गति को काफी बढ़ाया है। उन्होंने इसे और आगे ले जाने के लिए अगले 5 वर्षों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पीजीआई में अब उन विभागों की स्थापना हो रही है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
सीएम योगी ने कहा कि पिछले 7 वर्षों में पीजीआई ने अपनी गति को काफी बढ़ाया है। उन्होंने इसे और आगे ले जाने के लिए अगले 5 वर्षों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि पीजीआई में अब उन विभागों की स्थापना हो रही है, जिनकी पहले कल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
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सीएसआर फंड से नई पहलमुख्यमंत्री ने बताया कि एसजीपीजीआई देश का पहला संस्थान है जिसे सीएसआर फंड के तहत 500 करोड़ रुपये मिले हैं। इसके जरिये सलोनी हार्ट फाउंडेशन के तहत बच्चों की हार्ट सर्जरी और रैन बसेरा जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
प्रदेश में मेडिकल सुविधाओं का विस्तार: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने राज्य में चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार का जिक्र करते हुए कहा कि:1947 से 2017 तक केवल 12 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि 2023 में 18 नए मेडिकल कॉलेज शुरू किए गए। अब प्रदेश के 65 जिलों में मेडिकल कॉलेज स्थापित हो चुके हैं। फ्री डायलिसिस, ब्लड बैंक और ब्लड सेपरेटर यूनिट्स जैसी सुविधाएं पूरे राज्य में उपलब्ध कराई जा रही हैं। आयुष्मान कार्ड से 9 करोड़ से अधिक लोग लाभान्वित हुए हैं। मुख्यमंत्री राहत कोष से 73 करोड़ रुपये की सहायता केवल होमी भाभा कैंसर अस्पताल के लिए दी गई है। “हर जिले में पहुंचेगी टेली-आईसीयू सुविधा”
मुख्यमंत्री ने टेली-आईसीयू सुविधा की उपलब्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान एसजीपीजीआई द्वारा शुरू की गई इस पहल ने हजारों लोगों की जान बचाई। अब यह सुविधा राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कराई जाएगी।
मुख्यमंत्री ने टेली-आईसीयू सुविधा की उपलब्धता पर भी जोर दिया। उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के दौरान एसजीपीजीआई द्वारा शुरू की गई इस पहल ने हजारों लोगों की जान बचाई। अब यह सुविधा राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में उपलब्ध कराई जाएगी।
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मिशन मोड पर काम कर रहा एसजीपीजीआईमुख्यमंत्री ने कहा कि संस्थान पूरी प्रतिबद्धता के साथ मिशन मोड में काम कर रहा है। डॉक्टर्स को अपनी गति तीन गुना बढ़ाने की जरूरत है। सरकार उन्हें सभी संसाधन उपलब्ध कराएगी।
प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं की नई क्रांति
9 करोड़ से अधिक आयुष्मान कार्ड धारकों को 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा।हर रविवार को मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेला का आयोजन।
मुख्यमंत्री राहत कोष से गरीब मरीजों की मदद।
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कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख हस्तियांइस मौके पर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्य मंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा पार्थ सारथी सेन शर्मा, एसजीपीजीआई डायरेक्टर डॉ. आरके धीमान और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।