मामला शुक्रवार सुबह का है। राजधानी में गुरुवार मध्यरात्रि से बारिश हो रही थी। हजरतगंज इलाके में भी बादलों का डेरा था और रुक रुक कर मेघा बरस रहे थे। तभी अचानक हरदोई जनपद के धन्नू पुरवा में रहने वाले राजाराम, उमेश यादव, वीरू यादव और ऊषा समेत सात लोग लोकभवन के सामने पहुंच गए। वह पहले से ही मिट्टी का तेल उड़ेल कर आए थे, केवल माचिस जलाने की देरी थी। जैसे ही उन्होंने इसका प्रयास किया, लोकभवन की सुरक्षा में खड़े पुलिसकर्मी दौड़ कर उनके पास पहुंच गए और उन्हें रोक लिया। सभी सात लोगों को पुलिस अपने साथ हजरतगंज थाने ले गई, जहां उनसे पूछताछ की गई।
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पीड़ित राजाराम ने का कहना है कि वह धन्नूपुरवा स्थित अपने मकान में करीब 40 साल से रह रहे हैं। उसके पास ही एक न्यायिक अधिकारी व एक विधायक की प्लाटिंग का काम चल रहा है। राजाराम का आरोप है कि वह लोग उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इस बारे में कई बार स्थानीय पुलिस को जानकारी दी गई, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। पीड़ित ने रोते हुए बताया कि इससे उसके परिवार के पास जान देने के अतिरिक्त कोई और रास्ता नहीं बचा था।
पीड़ित राजाराम ने का कहना है कि वह धन्नूपुरवा स्थित अपने मकान में करीब 40 साल से रह रहे हैं। उसके पास ही एक न्यायिक अधिकारी व एक विधायक की प्लाटिंग का काम चल रहा है। राजाराम का आरोप है कि वह लोग उनकी जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। इस बारे में कई बार स्थानीय पुलिस को जानकारी दी गई, लेकिन पुलिस ने सुनवाई नहीं की। पीड़ित ने रोते हुए बताया कि इससे उसके परिवार के पास जान देने के अतिरिक्त कोई और रास्ता नहीं बचा था।
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मामले पर हरदोई कोतवाली प्रभारी जगदीश प्रसाद ने पीड़ित परिवार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी जमीन पर किसी ने कब्जा नहीं किया है। राजाराम अपने परिवार के साथ जहां रहते हैं, वहां पर एक विधायक व एक न्यायिक अधिकारी की प्लाटिंग का काम चल रहा है। उन्होंने कुछ दिन पूर्व राजाराम से जमीन बेचने के बारे में पूछा था, लेकिन राजाराम के इन्कार के बाद उन्होंने दोबारा कुछ नहीं कहा। लेकिन राजाराम को आशंका है कि उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा। इसके चलते उन्होंने एक दिन पूर्व कंट्रोल रूम को सूचना भी दी थी। पुलिस ने उन्हें थाने लाकर जमीन पर कब्जा न करने को लेकर आश्वस्त भी किया था, लेकिन फिर भी वे लखनऊ पहुंच गए।
मामले पर हरदोई कोतवाली प्रभारी जगदीश प्रसाद ने पीड़ित परिवार के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उनकी जमीन पर किसी ने कब्जा नहीं किया है। राजाराम अपने परिवार के साथ जहां रहते हैं, वहां पर एक विधायक व एक न्यायिक अधिकारी की प्लाटिंग का काम चल रहा है। उन्होंने कुछ दिन पूर्व राजाराम से जमीन बेचने के बारे में पूछा था, लेकिन राजाराम के इन्कार के बाद उन्होंने दोबारा कुछ नहीं कहा। लेकिन राजाराम को आशंका है कि उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया जाएगा। इसके चलते उन्होंने एक दिन पूर्व कंट्रोल रूम को सूचना भी दी थी। पुलिस ने उन्हें थाने लाकर जमीन पर कब्जा न करने को लेकर आश्वस्त भी किया था, लेकिन फिर भी वे लखनऊ पहुंच गए।