लखनऊ. बीते 39 दिनों से किसानों का कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन जारी है। कल चार जनवरी को किसानों व केंद्र सरकार के बीच अहम बैठक होनी है। इसके चलते प्रदेश के विभन्न जिलों में जारी धरना प्रदर्शन (Protest) के दौरान कानून व्यवस्था (Law and Order) बनी रहे व कोई अनचाही घटना न हो, इसको लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पुलिस के बड़े अधिकारियों को मैदान में उतारने का फैसला किया है। यूपी के 17 जिलों में यूपी पुलिस के सीनियर पुलिस अफसर तैनात किए जाएंगे, जो किसानों व केंद्र सरकार के बीच की अहम बैठक के दौरान किसानों की गतिविधि पर नजर रखेंगे व किसी भी प्रकार की घटना होने से रोकेंगे।
ये भी पढ़ें- शस्त्र के शौकीनों के लिए बड़ी खबर, नई आधुनिक रिवॉल्वर ‘प्रहार’ हुई लॉन्च, जानें खासियत व कीमत दिल्ली-यूपी के गाजीपुर बॉर्डर पर अपनी मांगों को लेकर डेरा डाले हुए किसानों को एक माह से भी ज्यादा का समय हो चुका है। किसान नेताओं और सरकार के बीच अब तक 6 दौर की बातचीत भी हो चुकी है, लेकिन पूर्ण रूप से इसका समाधान नहीं निकला है। अब अगले दौर की बैठक 4 जनवरी को होगी। किसानों की मांग है कि नए तीनों कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
ये भी पढ़ें- रामलला दर्शन को बढ़ा श्रद्धालुओं का हुजूम, एक लाख रुपए रोज आ रहा चढ़ावा इन जिलों की बाटी गई जिम्मेदारियां- कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए योगी सरकार ने जिन बड़े अधिकारियों को जिम्मेदारी दी है उनमें मुरादाबाद में एडीजी राजीव कृष्ण, पीलीभीत में आईजी राजेश पांडे, लखीमपुर खीरी में आईजी लक्ष्मी सिंह, बिजनौर में डीआईजी अखिलेश मीणा, शाहजहांपुर में डीआईजी शलभ माथुर समेत कई सीनियर पुलिस अधिकारी शामिल हैं। इसके अतिरिक्त मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, शामली, बागपत, सहारनपुर, हापुड़ समेत 17 जिलों में सीनियर पुलिस अफसरों की तैनाती भी की गई है।