3 हजार करोड़ जमीन पर खर्च रेल कॉरिडोर के निर्माण के साथ ही एक्सप्रेस वे पर पेट्रोल पंप, ढाबा, रेस्टोरेंट और ट्रामा की भी सुविधाएं भी होंगी। रेल कॉरिडोर प्रोजेक्ट के काम को आगे बढ़ाने के लिए इस प्रोजेक्ट में यूपीडा को भी शामिल किया जाएगा। इसके अलावा स्पेशल परपज व्हीकल कमीशन गठित करने का भी प्रस्ताव है। रेल कॉरिडोर के लिए तकरीबन 3 हजार करोड़ रुपये की जमीन का खर्च अनुमानित है।
रेल इंडस्ट्रियल कॉरिडोर की तरह होगा डेवलप एशिया का पहला रेलवे कॉरिडोर 1520 किमी लंबा है। दिल्ली-मुंबई फ्रेट कॉरिडोर का 96 किमी का हिस्सा सीकर से गुजर रहा है। इस ट्रैक के किनारे दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर डेवलप होगा। कमोबेश कुछ इसी तरह की परिकल्पना इस कॉरिडोर के लिए भी की गयी है। रेलवे ट्रेक के किनारे-किनारे छोटी-छोटी फैक्ट्रियां डेवलप की जाएंगी। ताकि लोगों को रोजगार मिल सके।
सडक़ पर लोड होगा कम सीएम योगी का मानना है कि रेल कॉरिडोर बन जाने से सडक़ पर वाहनों का लोड कम होगा। रेल कॉरिडोर का रूट आगरा से लखनऊ वाया गाजीपुर होगा। लखनऊ से गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य किया जाएगा, जिसका विस्तार बलिया तक होगा। इससे बिहार तक जाना आसान हो जाएगा।
चार एक्सप्रेस वे के निर्माण में भी तेजी
इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से बलिया तक बनने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, डिफेंस कारीडोर और गंगा एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट्स में भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए चार नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। सभी एक्सप्रेस वे के काम को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
इसी के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ से बलिया तक बनने वाले पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे, डिफेंस कारीडोर और गंगा एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट्स में भी तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। इसके लिए चार नोडल अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। सभी एक्सप्रेस वे के काम को 2020 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ओवरलोडिंग पर भी नियंत्रण सीएम योगी ने डग्गामार व ओवरलोडिंग पर नियंत्रण के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि बहुपयोगी बस स्टेशन शहर से बाहर बनाए जाएं, जिससे कि यातायात प्रभावित न हो सके। गांव के लोकों को मांगलिक कार्यों के लिए रियायती दरों पर रोडवेज की बसें दी जाएंगी।
योगी सरकार के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे, डिफेंस कॉरिडोर और गंगा एक्सप्रेस वे योगी सरकार के महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स हैं। चारों प्रोजेक्ट्स का काम अगले एक से दो साल में पूरा किया जाना है जिसके लिए योगी सरकार ने नोडल अधिकारियों की तैनाती के निर्देश दिए हैं। रेल कॉरिडोर का रूट आगरा से लखनऊ वाया गाजीपुर होगा। लखनऊ से गाजीपुर तक पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य किया जाएगा, जिसका विस्तार बलिया तक होगा। इससे बिहार जाना आसान होगा।
बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे चित्रकूट जिले के भरतकूप से शुरू होकर औरेया होते हुए इटावा के ताखा तहसील के कुदरैल गांव के समीप आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे के चैनल नंबर 133 से जुड़ेगा। बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे निर्माण के लिए किसानों की 83 फीसदी जमीन खरीदी जा चुकी है।
डिफेंस कॉरिडोर से रोजगार को बढ़ावा 15 फरवरी, 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने झांसी में बुंदेलखंड डिफेंस कॉरिडोर की नींव रखी थी। उन्होंने 21 फरवरी, 2018 को लखनऊ में यूपी इन्वेस्टर्स समिट (Investors Summit) का उद्घाटन करने के बाद कॉरिडोर की घोषणा की थी। डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर अलीगढ़, आगरा, झांसी, कानपुर, लखनऊ और चित्रकूट में 6 नोड्स बनाएगा और अनुमानित 250,000 नौकरियां पैदा करेगा।