400 पुलिसकर्मी जबरन रिटायर पत्र में यह बात साफ कही गई है कि 30 मार्च, 2021 को 50 साल या इससे अधिक उम्र के पुलिसकर्मियों को अनिवार्य रूप से सेवानिवृत्ति करने के लिए स्क्रीनिंग कराई जाएगी। स्क्रीनिंग कमेटी में नॉन गजेटेड पुलिसकर्मियों को नियुक्त करने वाले अधिकारियों को रखने की बात भी कही गई है। 30 नवंबर तक स्क्रीनिंग का ब्योरा डीजीपी मुख्यालय भेजने का निर्देश दिया गया है। बीते दिनों योगी सरकार में इसी स्क्रीनिंग के चलते अब तक तीन आईपीएस अधिकारी समेत 400 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है। आईपीएस अमिताभ ठाकुर को जबरन रिटायर करने की जमकर चर्चा भी हुई थी। आईपीएस राकेश शंकर और राजेश कृष्णा को भी जबरन रिटायर किया गया था।
प्रदर्शन और योग्यता के आधार पर होती है छंटनी पुलिसकर्मियों के प्रदर्शन और योग्यता के आधार पर उनका एसीआर बनाया जाता है। जैसी उनकी परफॉर्मेंस होती है उसी आधार पर उनकी छंटनी होती है। उत्तर प्रदेश में कर्मचारियों की भर्ती नियमावली के नियम 56 ग के तहत कर्मचारियों की उपयुक्तता को उसका नियुक्ति अधिकारी तय करता है और एक स्क्रीनिंग कमेटी बनाकर अनुपयुक्त और अयोग्य कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति किया जाता है।