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सभी जिलों को निर्देश जारी
महानिदेशक, स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा ने बताया कि नए शैक्षिक सत्र की शुरुआत 1 अप्रैल 2025 से होनी है, और इस बार सभी जिलों में किताबों का वितरण समय पर सुनिश्चित करने के लिए पहले से ही कार्ययोजना तैयार की जा रही है। जिलों के बीएसए को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे किताबों की ढुलाई का खर्च आंकलन कर बजट की मांग बजट विभाग से करें।पिछले सत्र में आईं शिकायतें
बीते शैक्षिक सत्र में कई जिलों से शिकायतें मिली थीं कि ब्लाक संसाधन केंद्रों तक किताबें तो पहुंच गईं, लेकिन विद्यालय तक पहुंचाने का जिम्मा शिक्षकों के कंधों पर डाल दिया गया। कई प्रधानाध्यापकों ने निजी साधनों का उपयोग कर किसी तरह किताबें विद्यालय पहुंचाईं, जिससे न केवल शिक्षकों को असुविधा हुई, बल्कि किताबें समय पर बच्चों तक नहीं पहुंच सकीं। यह भी पढ़ें
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शिकायतों पर होगी सख्त कार्रवाई
महानिदेशक ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि किसी जिले में किताबें समय पर नहीं पहुंचती, या शिक्षकों से ढुलाई कराई जाती है, तो संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और बीएसए पर कार्रवाई की जाएगी। शिकायत मिलने पर उनकी जिम्मेदारी तय की जाएगी और जवाब-तलब किया जाएगा।विद्या समीक्षा केंद्र करेगा निगरानी
राज्य स्तर पर विद्या समीक्षा केंद्र के माध्यम से इस बार किताबों के वितरण की निगरानी की जाएगी। शिक्षक और अन्य लोग गोपनीय तरीके से शिकायत दर्ज करा सकेंगे। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि शिक्षकों को मोटरसाइकिल या साइकिल पर किताबें ढोने की जिम्मेदारी न दी जाए।जल्द होगा बजट आवंटन
पाठ्यपुस्तकों की ढुलाई में होने वाले खर्च का आकलन कर जिलों से रिपोर्ट मांगी गई है। इसके आधार पर बजट आवंटन की प्रक्रिया तेजी से पूरी की जाएगी। यह भी पढ़ें