सावन का महत्व पूरे सावन में भगवान शिव की पूजा विधि विधान से करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। कुंवारी कन्याएं हर सोमवार व्रत रखती हैं और सुयोग्य वर का कामना करती हैं। यह व्रत वैवाहिक जीवन सुखद रखने के लिए भी शादीशुदा महिलाएं करती हैं।
पूजा का मुहूर्त सावन मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन की शिवरात्रि व्रत पड़ रही है। शुक्रवार 6 अगस्त को सावन शिवरात्रि पूजा पड़ रही है। सावन शिवरात्रि पूजा का शुभ मुहूर्त 6 अगस्त को शुरू हो रहा है। निशिता काल पूजा का मुहूर्त 7 अगस्त शनिवार की सुबह 12 बजकर 6 मिनट से शुरू होकर 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा। शिवरात्रि व्रत पारण मुहूर्त 7 अगस्त की सुबह 5 बजकर 46 मिनट से शुरू होकर दोपहर 3 बजकर 45 मिनट तक रहेगा।
सावन शिवरात्रि पूजा विधि – चतुर्दशी तिथि की सुबह जल्दी उठें, स्नानादि करें। – मंदिर या घर के देवालय में भगवान शिव की मूर्ति स्थापित करें। – इस दिन भगवान भोलेनाथ को धूप दीप बाती दिखाएं और भोले मंत्रों का उच्चारण करते हुए 1001 बेलपत्र अर्पित करें।
– जल, दूध, दही से रुद्राभिषेक करें। भोले बाबा को धतूरा, भांग, गुड़, पुआ, हलवा, कच्चे चने, दूध से बनी मिठाईयां आदि भी अर्पित कर सकते हैं। सावन मास की सोमवार तिथियां सावन का पहला सोमवार: 26 जुलाई 2021
सावन का दूसरा सोमवार: 2 अगस्त 2021
सावन का तीसरा सोमवार: 9 अगस्त 2021
सावन का चौथा सोमवार: 16 अगस्त 2021
सावन का दूसरा सोमवार: 2 अगस्त 2021
सावन का तीसरा सोमवार: 9 अगस्त 2021
सावन का चौथा सोमवार: 16 अगस्त 2021