ये भी पढ़ें- बुलंदशहर हिंसा में सुबोध सिंह हत्या मामले में आक्रोशित आईपीएस एसोसिएशन ने सरकार से कर डाली यह मांग, अखिलेश ने दिया समर्थन.. 1992 की स्मृति में दिया इस्तीफा- फुले ने अपने बयान में 1992 में अयोध्या में गिराई गई बाबरी मस्जिद से आहत होने का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 1992 में मुस्लिम, दलित व पिछड़े लोगों की भावनाओं को आहत किया गया। भारतीय संविधान की धज्जियां उड़ाते हुए मनुवादी तरीके से बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया। विहीप, आरएसएस व भाजपा के साथ मिलकर 1992 जैसी स्थिति को पैदा कर विभाभन की स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है। इसलिए मैं अत्यंत आहत होकर भाजपा से इस्तीफा देती हूं। आज से मेरा भाजपा से कोई लेना देना नहीं है।
ये भी पढ़ें- बुलंदशहर मामलाः सीएम योगी ने हाइप्रोफाइल मीटिंग में लिए बहुत बड़े फैसले, लेकिन भूल गए सबसे महत्वपूर्ण बात जब तक मैं जिंदा रहूँगी घर वापस नहीं जाऊंगी- दलित सांसद होने के कारण मेरी बातों को अनसुना किया गया और मेरी हमेशा उपेक्षा की गई। संविधान को समाप्त करने की साजिश की जा रही है।दलित और पिछड़ा का आरक्षण बड़ी बारीकी से समाप्त किया जा रहा है। सावित्री ने प्रण लिया और कहा कि जब तक मैं जिंदा रहूँगी घर वापस नहीं जाऊंगी। मैं संविधान को पूरी तरह से लागू करूंगी। जब तक कार्यकाल है मैं सांसद रहूँगी। उन्होंने 23 दिसम्बर को लखनऊ के रमाबाई मैदान में महारैली करने का भी ऐलान किया और कहा कि महारैली में देश भर से दलित समाज के लोग होंगे।
सीएम योगी पर हमला- इसके बाद उन्होंने सीएम योगी पर हमला करते हुए उनके द्वारा हनुमान जी को दलित कहे जाने पर तंज कसा और कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि हनुमान जी दलित थे। हनुमान दलित थे, लेकिन मनुवादियों के खिलाफ थे।हनुमान जी दलित थे, तभी राम ने उन्हें बंदर बना दिया। दलितों को मंदिर नहीं संविधान चाहिए। मोदी जी जो कहते हैं वो करते नहीं।