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बैठक में प्रमुख मुद्दे और मांगे
बैठक के दौरान कई वरिष्ठ मजदूर नेताओं और प्रतिनिधियों ने संविदा कर्मियों के हितों की अनदेखी और उनकी छंटनी पर गहरी नाराजगी जताई। वक्ताओं ने कहा कि संविदा कर्मियों की छंटनी न केवल उनके जीवन-यापन पर असर डाल रही है, बल्कि प्रदेश में बेरोजगारी की समस्या को भी बढ़ा रही है।प्रमुख मांगे, न्यूनतम वेतन की मांग
संगठन के संरक्षक आरएस राय ने आउटसोर्सिंग से कार्यरत श्रमिकों के लिए न्यूनतम 22,000 रुपये और लाइनमैन, एसएसओ तथा कंप्यूटर ऑपरेटरों के लिए 25,000 रुपये वेतन निर्धारित करने की मांग की। यह भी पढ़ें
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पुनः नियुक्ति
मार्च 2024 की हड़ताल में शामिल न होने के बावजूद हटाए गए संविदा कर्मियों को तत्काल वापस लेने की अपील की गई।सेवा अवधि और स्थायित्व
संविदा कर्मियों की सेवा अवधि को नियमित कर्मचारियों की भांति 60 वर्ष तक करने और 5 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत कर्मियों को नियमित रिक्त पदों पर समायोजित करने की मांग की गई। यह भी पढ़ें
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कार्य सुविधाएं
असिस्टेंट बिलिंग के कार्य के लिए संविदा कर्मियों को विभागीय मोबाइल और अन्य सुविधाएं देने की मांग।नियमावली निर्माण
संविदा कर्मियों के लिए स्पष्ट नियमावली बनाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया।संगठन का आक्रोश और अगली रणनीति
बैठक में वक्ताओं ने प्रबंधन पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि पूर्व में किए गए समझौतों को लागू नहीं किया गया है। संगठनों ने कहा कि संविदा कर्मियों के हितों की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। संघ के प्रदेश अध्यक्ष नवल किशोर सक्सेना ने कहा, “संविदा कर्मी बिजली विभाग की रीढ़ हैं। उन्हें इस तरह से छांटना अन्यायपूर्ण है। सत्याग्रह के माध्यम से हम सरकार और प्रबंधन तक अपनी आवाज पहुंचाएंगे।” यह भी पढ़ें
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विरोध के व्यापक कारण, बढ़ती बेरोजगारी
वर्षों से कार्यरत संविदा कर्मियों को अचानक बेरोजगार किया जा रहा है।असमान वेतन
9 से 10 हजार रुपये की अल्प वेतन राशि पर काम करने वाले कर्मियों को उचित वेतन नहीं मिल रहा। यह भी पढ़ें
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कर्मचारियों की कमी
प्रदेश में विद्युत उपभोक्ताओं की बढ़ती संख्या के बावजूद कर्मियों की भर्ती में कमी है।कार्य संतुलन
छंटनी के कारण बढ़े हुए काम का बोझ बचे हुए कर्मियों पर पड़ रहा है।सत्याग्रह का उद्देश्य
यह सत्याग्रह संविदा कर्मियों की आवाज को सशक्त बनाने और सरकार तथा प्रबंधन को चेताने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। यह आंदोलन सभी जिलों में शांतिपूर्ण होगा और इसके माध्यम से कर्मियों की जायज मांगों को प्रमुखता से उठाया जाएगा। यह भी पढ़ें