पत्रकारों से बात करते हुए संजय निषाद ने कहा कि 7 जून 2015 को गोरखपुर में रेल आंदोलन के दौरान मेरे एक भाई अखिलेश निषाद पर गोली चलाई गई और वह मारा गया, उस समय सपा सरकार थी। क्या निषाद के बेटे को मारने में पुलिस भक्षक नहीं थी? उन्होंने कहा कि मुझे भी 302 का मुलजिम बनाया गया था। अगर मेरा समाज नहीं होता, तो मैं जेल में सड़ रहा होता।
‘जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है सरकार’
संजय निषाद ने कहा कि हमारी सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम करती है। आज मुलजिम आगे है और पुलिस पीछे दौड़ रही है। पिछली सरकारों में अपराधी पुलिस को दौड़ाते थे, लेकिन आज भयमुक्त वातावरण है। अपराधियों को पुलिस दौड़ा रही है। अगर अपराधी पुलिस को कुछ करेगा, तो अपनी सुरक्षा में पुलिस भी कुछ करेगी।
जनता जज होती है: संजय निषाद
अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए संजय निषाद ने कहा कि अगर उनके समय में सब कुछ सही था, तो जनता ने उन्हें सत्ता से दूर क्यों किया। हमारी व्यवस्था सही है, जनता जनार्दन होती है, जनता जज होती है। जनता फैसला लेती है और जनता के हितों के लिए हमारी सरकार फैसला ले रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास बयानबाजी के अलावा कुछ बचा नहीं है। विपक्ष को काम का जिक्र करना चाहिए, ताकि जनता उनसे ख़ुश होकर फिर से राजनीति में अवसर प्रदान करे। काम तो कुछ किया नहीं, जनता ने हटा दिया।
अखिलेश यादव ने एनकाउंटर को बताया गलत
बता दें कि सुलतानपुर में 5 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मंगेश यादव को गोली लगने से मौत हो गई थी। मंगेश यादव की एनकाउंटर के बाद प्रदेश में राजनीतिक उठापटक जोरों पर है। समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने इस एनकाउंटर को गलत बताते हुए अपराधी की जाति देखकर एनकाउंटर का आरोप लगाया था। जिला प्रशासन की ओर से इस एनकाउंटर के मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं।