पढ़ाई पर बेहतर तरीके से ध्यान दे पाएंगी बालिकाएं स्कूलों में सेनेट्री पैड वेंडिंग मशीन लगाए जाने से बालिकाओं को आसानी होगी। इससे उन्हें मासिक धर्म के दौरान स्कूल में होने वाली परेशानी से छुटकारा तो मिलेगा ही साथ ही वे पढ़ाई पर बेहतर तरीके से ध्यान दे पाएंगी। प्रति मशीन व इंसीनिरेटर पर 30 हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा पहली बार राजकीय स्कूलों में सिर्फ लड़कियों के लिए करिअर काउंसलिंग के कार्यक्रम चलाए जाएंगे व उन्हें आत्मनिर्भर बनने का पाठ पढ़ाया जाएगा। इस योजना पर प्रति स्कूल सात हजार रुपये खर्च किया जाएगा। वहीं कक्षा 8 तक की लड़कियों को सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके लिए 28839 स्कूलों में तीन महीने तक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके लिए प्रति स्कूल नौ हजार रुपये दिया जाएगा। बता दें कि अभी तक कक्षा 6 से 8 तक चलने वाले कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में सेनेट्री नैपकिन वेंडिंग मशीन व इंसीनिरेटर लगाए जाते रहे हैं।
बढ़ेगा बच्चों का आत्मविश्वास भी करियर मार्गदर्शन के साथ ही ग्रामीण परिवेश की किशोरियों में आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए उन्हें बातचीत करने की कला, व्यवहार, उठने-बैठने का सही तरीका समेत ऐसी सभी सॉफ्ट स्किल को सिखाया जाएगा जिससे वे जीवन में आगे बढ़ सके। इसके लिए प्रदेश के 1.59 लाख प्राइमरी स्कूलों में कार्यक्रम चलाया जाएगा और इसके लिए केन्द्र सरकार ने 23 करोड़ रुपये का बजट मंजूर किया है।