‘प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार की नाकामी’
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “प्रतिबंध लगाना भाजपा सरकार के शासन, प्रशासन और सरकारी प्रबंधन की नाकामी है। ऐसा प्रतिबंध अगर सरकार उन पर पहले ही लगा देती, जिन्होंने दंगा-फ़साद करवाने का सपना देखा और उन्मादी नारे लगवाए तो संभल में सौहार्द-शांति का वातावरण नहीं बिगड़ता। भाजपा जैसे पूरी की पूरी कैबिनेट एक साथ बदल देते हैं, वैसे ही संभल में ऊपर से लेकर नीचे तक का पूरा प्रशासनिक मंडल निलंबित करके उन पर साजिशन लापरवाही का आरोप लगाते हुए, सच्ची कार्रवाई करके बर्खास्त भी करना चाहिए और किसी की जान लेने का मुकदमा भी चलना चाहिए। भाजपा हार चुकी है।”‘सपा प्रतिनिधिमंडल से डरी योगी सरकार’
वहीं, समाजवादी पार्टी ने एक्स पोस्ट पर लिखा, “सपा प्रतिनिधिमंडल से डरी योगी सरकार। सत्ता के इशारे पर पुलिस ने माननीय प्रदेश अध्यक्ष श्री श्याम लाल पाल जी को संभल जाने से रोका, घर में किया नजरबंद। संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ा रही भाजपा सरकार। घोर निंदनीय!”‘रोकने का प्रयास गैरकानूनी और असंवैधानिक’
प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई कर रहे माता प्रसाद पांडेय ने कहा, “पुलिस को हमें रोकने का कोई अधिकार नहीं है। जो व्यवस्थाएं हैं, वह संभल में रोकने की हैं, ताकि संभल में कोई न जाए। लेकिन आप इस बात पर पाबंदी नहीं लगा सकते हैं कि घर से कोई कहां जा रहा है। यह लोग गैरकानूनी तरीके से काम करते हैं। सरकार कभी संविधान को नहीं मानती है। संविधान में हमारा मौलिक अधिकार है कि हम कहीं भी जा सकते हैं और आ सकते हैं। कानून के अधिकार से जो रोक लगी है, वह लखनऊ में लगी है। वह रोक संभल में नहीं लगी है। ऐसे में मुझे रोकने का प्रयास पूरी तरह से गैरकानूनी और असंवैधानिक है।” यह भी पढ़ें