दरअसल, साधना गुप्ता का विवाह 4 जुलाई 1986 में फर्रुखाबाद के रहने वाले व्यापारी चंद्रप्रकाश गुप्ता के साथ हुआ था। शादी के अगले ही साल 7 जुलाई 1987 को साधना ने प्रतीक को जन्म दिया था। प्रतीक के जन्म के दो वर्ष बाद ही दोनों के बीच विवाद हुआ और साधना ने चंद्रप्रकाश से तलाक ले लिया। पहले पति से तलाक होने के बाद साधना ने राजनीति में पदार्पण किया। इसी दौरान मुलायम सिंह से उनकी नजदीकियां बढ़नी शुरू हो गईं।
यह भी पढ़ें –
मुलायम सिंह की पत्नी साधना गुप्ता का निधन, अपर्णा यादव भी मौजूद मां की देखभाल के बाद साधना के कायल हो गए थे मुलायम अखिलेश की बायोग्राफी ‘बदलाव की लहर’ में साधना और मुलायम के रिश्ते का भी जिक्र किया गया है। जिसमें लिखा है कि दादी मां मूर्ति देवी बीमार रहती थीं। जब उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया तो साधना ने ही नर्स की तरह देखभाल की। इसी दौरान सैफई मेडिकल कॉलेज में मूर्ति देवी को एक नर्स गलत इंजेक्शन दे रही थी, जिसे साधना ने रोक दिया। क्योंकि साधना ने खुद नर्सिंग का कोर्स कर रखा था। जब इसकी जानकारी मुलायम को मिली तो वह साधना के कायल हो गए।
सिर्फ अमर सिंह को पता था मुलायम और साधना के बारे में बताया जाता है कि मुलायम सिंह और साधना की लव स्टोरी के बारे में सिर्फ अमर सिंह को पता था। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 1988 में पहली बार मुलायम सिंह ने साधना से अखिलेश को मिलवाया था। उस समय अखिलेश महज 15 वर्ष के थे। कहते हैं कि अखिलेश साधना को पसंद नहीं करते थे। इसलिए मुलायम सिंह ने अखिलेश को राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल में पढ़ने के लिए भेज दिया था।
यह भी पढ़ें –
अखिलेश ने गठित किया 18 सदस्य दल, स्वामी प्रसाद मौर्य का बढ़ा कद अखिलेश यादव ने जताई थी आपत्ति साधना मुलायम सिंह के लिए लकी साबित हुईं और 1989 में मुलायम सिंह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए। हालांकि मुलायम सिंह ने लंबे समय बाद 2003 में सार्वजनिक तौर पर साधना गुप्ता को पत्नी का दर्जा दिया। उसी वर्ष मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी का निधन हुआ था। साधना गुप्ता को अपनाने पर अखिलेश यादव ने काफी नाराजगी जताई थी।