यह भी पढ़ें
रामचरितमानस पर टिप्पणी करने वालों पर की, संतों ने इनाम की घोषणा
शिला से राम के बचपन की प्रतिमा बनेगी : बिमलेंद्र निधि नेपाली कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व गृह मंत्री बिमलेंद्र निधि ने दो शिलाओं की खुदाई का बीड़ा उठाया था। समारोह में उन्होंने कहा, हमें नेपाल से अयोध्या पहुंचने में आठ दिन लगे। 65 मिलियन वर्ष पहले हिमालय के निर्माण के बाद दक्षिण की ओर बहने वाली नदी की शिलाओं को हिंदू बहुत पवित्र मानते हैं। शिलाओं का उपयोग राम लला या भगवान राम की एक बच्चे के रूप में आदमकद प्रतिमा बनाने के लिए किया जाएगा।
यह भी पढ़ें
जीआईएस-2023: संतों के नाम पर रखे जाएंगे पंडालों के नाम
फुट लंबी, पांच फुट चौड़ी और साढ़े तीन फुट मोटी है शिलाएं मीडिया रिपोर्ट के अनुसार राम मंदिर के निर्माण का निर्णय लेने के बाद इसकी निर्माण आयोजन समिति नेपाल से पवित्र शिलाओं की तलाश कर रही थी। मंत्री बिमलेंद्र निधि से संपर्क करने के बाद उन्हें पवित्र शिलाएं मिलीं। जब इन शिलाओं को नेपाल से अयोध्या ले जाया जा रहा था, तब हजारों लोगों ने उनका का स्वागत किया और पूजा की। आयोजन समिति के अनुसार दोनों शिलाएं सात फुट लंबी, पांच फुट चौड़ी और साढ़े तीन फुट मोटी हैं। उसका वजन 16 से 18 टन के बीच है।
अयोध्या पहुंच गई रिपोर्ट के अनुसार 19 जनवरी को अयोध्या के मंदिर के ट्रस्टियों की एक टीम चट्टानों के परिवहन के क्रम में काठमांडू पहुंची और प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल से मुलाकात की। इसके बाद इन शिलाओं को अयोध्या लाया गया। आयोजकों के मुताबिक इसी महीने से प्रतिमा बनाने का काम शुरू हो जाएगा।