लखनऊ

Ukraine Russia war update: महंगाई तोड़ेगी सारे रिकॉर्ड, पेट्रोल डीजल पर बुरा असर, जानें क्या है यूक्रेन-रशिया युद्ध अपडेट

Ukraine Russia war update: यूक्रेन रशिया युद्ध के बाद वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ने के आसार हैं। जिसका असर देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश पर ही पड़ेगा। यूक्रेन व रशिया वार की घोषणा के बाद वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतें सात वर्षों में उच्चतम स्तर पर पहुंच गई हैं। वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल 103.78 डॉलर प्रति बैरल की दर से बिक रहा है। वैश्विक स्तर पर बढ़ी हुई कच्चे तेल की कीमतों का असर भारत में भी देखने को मिलेगा। अनुमान है कि विधानसभा चुनाव के बाद उत्तर प्रदेश में पेट्रोल की कीमतें बढ़ेगी।

लखनऊFeb 25, 2022 / 12:54 pm

Prashant Mishra

Ukraine Russia war update: रूस यूक्रेन युद्ध का असर सीधे तौर पर महंगाई पर पड़ा है। वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल, सोना-चांदी की कीमतों में इजाफा हुआ है। वहीं, सेनसेक्स पर इस युद्ध का बुरा असर पड़ा है। ‌ अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में महंगाई अपने चरम पर होगी। वैश्विक स्तर पर पड़ने वाली महंगाई का असर भारत व भारत के सबसे बड़े जिले उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा। अनुमान है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के बाद प्रदेश में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में भारी इजाफा होगा। ‌
15 रुपये प्रति लीटर पढ़ सकती है कीमत

रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चा तेल सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल 103.78 डॉलर प्रति बैरल की दर से बिक रहा है, जिसका असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद घरेलू बाजार में पेट्रोल व डीजल की कीमत ₹15 तक बढ़ाई जा सकती हैं। ‌
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गैस भी होगी महंगी

युद्ध का असर सिर्फ पेट्रोल और डीजल पर ही नहीं पड़ेगा इसका असर गैस पर भी पड़ेगा। आने वाले दिनों में प्राकृतिक गैस भी महंगी हो सकती है। पिछले ढाई महीने के भीतर कच्चे तेल की कीमतों में 27% तक की बढ़ोतरी हुई है। भारत अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात करता है। दिवाली के बाद से घरेलू तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। तब से कच्चा तेल 30 डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक महंगा हो गया है। घरेलू बाजार में कीमते नहीं बढ़ने से घरेलू कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि कंपनियां चुनाव बाद कीमतें बढ़ा सकती हैं। हालांकि, वृद्धि कीमतों में वृद्धि एक साथ न हो कर दो तीन चरणों में होगी। प्राकृतिक गैस में तेजी से रसोई गैस और सीएनजी के दाम भी 10 से 15 रुपये तक बढ़ सकते हैं।
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