15 रुपये प्रति लीटर पढ़ सकती है कीमत रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद वैश्विक बाजार में कच्चा तेल सात साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है। वैश्विक स्तर पर कच्चा तेल 103.78 डॉलर प्रति बैरल की दर से बिक रहा है, जिसका असर उत्तर प्रदेश पर भी पड़ेगा। विशेषज्ञों का कहना है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद घरेलू बाजार में पेट्रोल व डीजल की कीमत ₹15 तक बढ़ाई जा सकती हैं।
ये भी पढ़ें: Indian Railway ticket service: रेलवे ने शुरू की नई सुविधा, आसान होगा टिकट खरीदना
गैस भी होगी महंगी युद्ध का असर सिर्फ पेट्रोल और डीजल पर ही नहीं पड़ेगा इसका असर गैस पर भी पड़ेगा। आने वाले दिनों में प्राकृतिक गैस भी महंगी हो सकती है। पिछले ढाई महीने के भीतर कच्चे तेल की कीमतों में 27% तक की बढ़ोतरी हुई है। भारत अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात करता है। दिवाली के बाद से घरेलू तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। तब से कच्चा तेल 30 डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक महंगा हो गया है। घरेलू बाजार में कीमते नहीं बढ़ने से घरेलू कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि कंपनियां चुनाव बाद कीमतें बढ़ा सकती हैं। हालांकि, वृद्धि कीमतों में वृद्धि एक साथ न हो कर दो तीन चरणों में होगी। प्राकृतिक गैस में तेजी से रसोई गैस और सीएनजी के दाम भी 10 से 15 रुपये तक बढ़ सकते हैं।
गैस भी होगी महंगी युद्ध का असर सिर्फ पेट्रोल और डीजल पर ही नहीं पड़ेगा इसका असर गैस पर भी पड़ेगा। आने वाले दिनों में प्राकृतिक गैस भी महंगी हो सकती है। पिछले ढाई महीने के भीतर कच्चे तेल की कीमतों में 27% तक की बढ़ोतरी हुई है। भारत अपनी तेल जरूरतों का 85% आयात करता है। दिवाली के बाद से घरेलू तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कोई बढ़ोतरी नहीं की है। तब से कच्चा तेल 30 डॉलर प्रति बैरल से भी अधिक महंगा हो गया है। घरेलू बाजार में कीमते नहीं बढ़ने से घरेलू कंपनियों के मार्जिन पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि कंपनियां चुनाव बाद कीमतें बढ़ा सकती हैं। हालांकि, वृद्धि कीमतों में वृद्धि एक साथ न हो कर दो तीन चरणों में होगी। प्राकृतिक गैस में तेजी से रसोई गैस और सीएनजी के दाम भी 10 से 15 रुपये तक बढ़ सकते हैं।