उन्होंने कहा कि हमें इतनी चिंता जरुर होनी चाहिए कि जो लोग हमारा विरोध कर रहे हैं। उससे हमें कोई हानि नहीं होनी चाहिए। उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से “राष्ट्र-विरोधी” और असामाजिक ताकतों के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया है।
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मोहन भागवत ने कहा है कि ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण ग्रामीण इलाकों में चिंता का कारण बन गया है। लव जिहाद और अन्य धर्मांतरण कई सालों से आरएसएस के एजेंडे में शीर्ष पर रहे हैं। बैठक में आरएसएस ने इस तरह के धर्मांतरण का मुकाबला करने और अवध क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
मोहन भागवत ने कहा है कि ‘लव जिहाद’ और धर्मांतरण ग्रामीण इलाकों में चिंता का कारण बन गया है। लव जिहाद और अन्य धर्मांतरण कई सालों से आरएसएस के एजेंडे में शीर्ष पर रहे हैं। बैठक में आरएसएस ने इस तरह के धर्मांतरण का मुकाबला करने और अवध क्षेत्र में संगठन को मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की।
धर्मांतरण से निपटने के लिए भागवत ने बताया तरीका
लखनऊ के निराला नगर में बोलते हुए भागवत ने धर्मांतरण का मुकाबला करने के तरीकों के बारे में बताया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 2025 में अपने अस्तित्व के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। भागवत ने आरएसएस कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जब तक आरएसएस 100 साल का नहीं हो जाता, तब तक संगठन का संदेश भारत के हर गांव तक पहुंच जाए।
लखनऊ के निराला नगर में बोलते हुए भागवत ने धर्मांतरण का मुकाबला करने के तरीकों के बारे में बताया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने 2025 में अपने अस्तित्व के 100 साल पूरे होने का जश्न मनाने के लिए पहले से ही तैयारी शुरू कर दी है। भागवत ने आरएसएस कार्यकर्ताओं से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जब तक आरएसएस 100 साल का नहीं हो जाता, तब तक संगठन का संदेश भारत के हर गांव तक पहुंच जाए।
भविष्य के लिए पेश की योजना: आरएसएस
आरएसएस ने यह निर्णय लिया है कि वह 2025 में पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। हाल ही में एक बैठक में जहां आरएसएस ने भविष्य के लिए अपनी योजना पेश की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जिन देशों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं वहां हिंदू पर हमले हो रहे है। आरएसएस ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करना जारी रखेगा।
आरएसएस ने यह निर्णय लिया है कि वह 2025 में पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं पर अधिक ध्यान केंद्रित करेगा। हाल ही में एक बैठक में जहां आरएसएस ने भविष्य के लिए अपनी योजना पेश की। इसी दौरान उन्होंने कहा कि जिन देशों में हिंदू अल्पसंख्यक हैं वहां हिंदू पर हमले हो रहे है। आरएसएस ऐसे हमलों की कड़ी निंदा करना जारी रखेगा।
आरएसएस ने अपने प्रेसवार्ता में खासतौर पर बांग्लादेश का जिक्र किया। आरएसएस ने सरकार से हिंदुओं और बौद्धों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बांग्लादेश में हमलों और मानवाधिकारों के उल्लंघन पर वैश्विक हिंदू समुदाय और संगठनों की चिंताओं को बांग्लादेश सरकार तक पहुंचाने के लिए सभी उपलब्ध राजनैयिक चैनलों का उपयोग करने का आग्रह किया।
रविवार को लखनऊ में बोलते हुए मोहन भागवत ने कहा कि आरएसएस को विभिन्न वर्गों के लोगों तक पहुंचना चाहिए, जो अपने काम के अलावा राष्ट्र निर्माण के लिए भी काम कर रहे हैं।