लखनऊ

मायावती के बाद आरएलडी ने भी सपा को लेकर कर दिया बड़ा ऐलान, कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा फैसला

-आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा- कांग्रेस को भी शामिल करने का प्रयास करेंगे
-हमारे और सपा के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला

लखनऊJun 06, 2019 / 04:56 pm

Ruchi Sharma

मायावती के बाद आरएलडी ने भी सपा को लेकर कर दिया बड़ा ऐलान, कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर बड़ा फैसला

लखनऊ. बसपा प्रमुख मायावती ने 5 महीने बाद समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। मायावती के मंगलवार के बयान के बाद अब राष्ट्रीय लोक दल ने भी अपना फैसला सुनाते हुए बड़ा ऐलान कर दिया है। चौधरी अजित सिंह की पार्टी आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. मसूद अहमद सपा का साथ देते हुए साफ कर दिया है कि वे अखिलेश के साथ है अौर रहेंगे। उन्होंने बयान देते हुए कहा कि हम महागठबंधन का हिस्सा रहेंगे और सपा के साथ थे, साथ हैं और रहेंगे। उन्होंने आगे कहा कि हम इस गठबंधन में कांग्रेस को भी शामिल करने का प्रयास करेंगे।
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आरएलडी के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हमारा गठबंधन समाजवादी पार्टी से था, है और रहेगा। आगे गठबंधन का स्वरूप क्या होगा? हमारा राष्ट्रीय नेतृत्व तय करेगा। हम तो यह चाहते हैं कि जैसे हम पहले सपा के साथ गठबंधन में थे, आगे भी वैसे रहे और इस गठबंधन को और बड़ा किया जाए। साथ में कांग्रेस को भी शामिल किया जाए। मसूद अहमद ने बताया कि पहले भी बसपा का गठबंधन सपा से था और हमें समाजवादी पार्टी के कोटे से सीटें दी गई थी। यदि अगर सपा और बसपा का गठबंधन खत्म हुआ है तो उससे हमारे और सपा के गठबंधन पर कोई असर नहीं पड़ने वाला। अब यह माना जा रहा है कि सपा और आरएलडी मिलकर विधानसभा का उपचुनाव लड़ेंगे।
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मायावती ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा था कि अखिलेश यादव अपनी पार्टी के हालात सुधारें, अभी गठबंधन पर यह स्थाई ब्रेक नहीं है, लेकिन उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में 11 सीटों पर बसपा अकेले लड़ेगी। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में सपा का बेस यानी यादवों के वोट ही उन्हें (सपा को) नहीं मिले। खुद डिंपल यादव और उनके बड़े नेता चुनाव हार गए। यह चिंता का विषय है। मायावती ने कहा था कि बसपा को गठबंधन करने से कुछ खास सफलता नहीं मिली है। सपा को बसपा की तरह सुधार लाने की जरूरत है। सपा के लोगों ने एकजुटता का मौका इस चुनाव में मौका गंवा दिया। मुझे लगता है कि यह स्थाई ब्रेक नहीं है। आगे अखिलेश यादव बेहतर कर पाए तो हम साथ काम करेंगे। अगर उन्होंने ठीक से काम नहीं किया है तो अच्छा होगा कि हम अलग हो जाएं। लिहाजा उपचुनाव में हमने अकेले लड़ने के फैसला लिया है।
 

 

अखिलेश ने माया के फैसला का किया स्वागत

वहीं मायावती के बयान पर अखिलेश ने कहा कि अगर रास्ते अलग हो चुके हैं तो इसके लिए बधाई और उसका भी स्वागत। सपा मुखिया और आजमगढ़ से सांसद अखिलेश यादव ने कहा था कि 2022 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनावों में समाजवादी पार्टी की सरकार बनेगी। साथ ही उन्होंने यूपी में होने वाले उपचानावों में भी अकेले लड़ने के संकेत दिए हैं। दोनों पार्टी के नेताअों के बयानों से इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इन पार्टियों का गठबंधन अब खत्म हो चुका।

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