प्रदेश के एक बड़े आर्म्स डीलर ने बताया कि एक नाली, दो नाली बंदूक को कोई विक्रेता खरीदने को तैयार नहीं है। जिनके पास दो से अधिक शस्त्र हैं वे उसे पुलिस के पास जमा नहीं करना चाह रहे हैं। वजह यह है कि पुलिस को देकर तीसरे शस्त्र का लाइसेंस निरस्त कराएंगे तो हासिल कुछ नहीं होगा। जमा शस्त्र सरकार की सम्पत्ति हो जाएगा। जीन लीजिए एक कॉन्ट्रेक्टर ने शौक में तीन असलहे रखे। इनमें एक बंदूक है। वह चाहते हैं कि कभी जो बंदूक 30 हजार रुपए में खरीदी थी उसकी कुछ कीमत मिल जाए। लेकिन सभी शस्त्र विक्रेताओं ने मना कर दिया। यदि सिर्फ प्रदेश की राजधानी की बात करें तो कुल 1200 लोग हैं, जिनके पास दो से अधिक शस्त्र हैं।
यह भी पढ़े – शस्त्रों के हैं शौकीन तो माउजर, पिस्टल और रिवॉल्वर में जान लीजिए क्या है फर्क पांच-पांच हजार में रायफल लोगों के पास कई-कई असलहे हैं तो कोई रख-रखाव से परेशान है। जो कभी किसी ने 40 हजार रुपए में 315 बोर की रायफल ली थी तो आज उसके पांच हजार रुपए लगाने पर भी कोई विक्रेता तैयार नहीं है। इस तरह तरह सभी असलहों का हाल है।
यह भी पढ़े – बिना आपके फिंगर प्रिंट के नहीं चलेगी ये रिवॉल्वर, महिलाओं के लिए खास, जानिए क्या है कीमत 10 हजार में मिल रही डेढ़ लाख की रिपीटर वहीं, जिन लोगों पास रिवाल्वर, पिस्टल और रिपीटर हैं, वो भी शस्त्र शौकीनों से संपर्क कर रहे। डेढ़ लाख रुपए में खरीदी गई रिपीटर को यदि विक्रेता के पास ले जा रहे हैं तो वह 10 से 15 हजार रुपए कीमत लगा रहा है। ऐसे में लोग अपने परिचितों को ही बेचना चाह रहे हैं। इसमें भी एक लम्बी प्रक्रिया है। बता दें खरीद फरोख्त के लिए एक माह की नोटिस पर डीएम की अनुमति लेनी होगी।