इस हेतु आरक्षित शीरे का न्यूनतम मूल्य तय करने तथा देशी मदिरा हेतु आरक्षित शीरे को आसवनियों को समय पर आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु देशी मदिरा आसवनी एसोसिएशन एवं उ.प्र. चीनी मिल ऐसोसिएशान को आपस में सहमति के
आधार पर निर्णय लेने को कहा गया जिससे आरक्षित शीरे के उठान एवं राजस्व लक्ष्य की पूर्ति में कोई व्यवधान पैदा न हो। दोनों पक्षों के मिल बैठकर आपसी सहमति से कोई मूल्य तय न कर पाने के कारण गन्ना व आबकारी विभाग के प्रमुख सचिवों द्वारा संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया कि,चूॅकि देशी मदिरा का मूल्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है,अत: ऐसी स्थिति में आरक्षित शीरे का रिजर्व मूल्य निर्धारण आबकारी विभाग द्वारा देशी मदिरा के मूल्य निर्धारण हेतु लिये गये शीरा एवं इ.एन.ए. लागत की उल्टी गणना के आधार पर होगा तथा चीनी मिलें निविदा के समय शीरे का आरक्षित मूल्य उपर्युक्तानुसार गणना करके निविदा कार्यवाही सम्पन्न करायेंगी। आसवनियों को आरक्षित मूल्य या उससे अधिक मूल्य निविदा में प्रस्तुत करने पर ही आरक्षित शीरा विक्रय किया जायेगा साथ ही चीनी मिलों का यह दायित्व होगा कि आरक्षित मूल्य या उससे अधिक पर निविदा दरें प्राप्त होने पर शीरा अनिवार्य रूप से सफल निविदादाता को दिया जाये तथा आसवनियों का यह दायित्व होगा कि वो आरक्षित मूल्य से कम पर निविदा दरें प्रस्तुत न करें।
आधार पर निर्णय लेने को कहा गया जिससे आरक्षित शीरे के उठान एवं राजस्व लक्ष्य की पूर्ति में कोई व्यवधान पैदा न हो। दोनों पक्षों के मिल बैठकर आपसी सहमति से कोई मूल्य तय न कर पाने के कारण गन्ना व आबकारी विभाग के प्रमुख सचिवों द्वारा संयुक्त बैठक में यह निर्णय लिया गया कि,चूॅकि देशी मदिरा का मूल्य राज्य सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है,अत: ऐसी स्थिति में आरक्षित शीरे का रिजर्व मूल्य निर्धारण आबकारी विभाग द्वारा देशी मदिरा के मूल्य निर्धारण हेतु लिये गये शीरा एवं इ.एन.ए. लागत की उल्टी गणना के आधार पर होगा तथा चीनी मिलें निविदा के समय शीरे का आरक्षित मूल्य उपर्युक्तानुसार गणना करके निविदा कार्यवाही सम्पन्न करायेंगी। आसवनियों को आरक्षित मूल्य या उससे अधिक मूल्य निविदा में प्रस्तुत करने पर ही आरक्षित शीरा विक्रय किया जायेगा साथ ही चीनी मिलों का यह दायित्व होगा कि आरक्षित मूल्य या उससे अधिक पर निविदा दरें प्राप्त होने पर शीरा अनिवार्य रूप से सफल निविदादाता को दिया जाये तथा आसवनियों का यह दायित्व होगा कि वो आरक्षित मूल्य से कम पर निविदा दरें प्रस्तुत न करें।