किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह FIR दर्ज करा दे
जो जमीन अतीक को पसंद आ जाती उस पर कब्जा करने में देर नहीं लगाता। गिरोह के साथ अतीक खुद धमकी देने पहुंच जाता था, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह FIR दर्ज करा दे। ऐसी ही एक घटना लखनऊ में देखने को मिली थी। जब अतीक के खिलाफ एक होटल व्यापारी केस दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा पाया था। यह दावा यूपी पुलिस के रिटायर्ड IG और लखनऊ के SSP रहे राजेश पांडे ने किया है।
जो जमीन अतीक को पसंद आ जाती उस पर कब्जा करने में देर नहीं लगाता। गिरोह के साथ अतीक खुद धमकी देने पहुंच जाता था, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं होती कि वह FIR दर्ज करा दे। ऐसी ही एक घटना लखनऊ में देखने को मिली थी। जब अतीक के खिलाफ एक होटल व्यापारी केस दर्ज कराने का साहस नहीं जुटा पाया था। यह दावा यूपी पुलिस के रिटायर्ड IG और लखनऊ के SSP रहे राजेश पांडे ने किया है।
एक निजी चैनल से बात करते हुए पूर्व आईजी राजेश पांडे ने बताया, “अगस्त साल 2015 में अतीक अहमद ने लखनऊ के व्यापारी सुशील गुरनानी की जमीन पर कब्जा करने की कोशिश की। वह पूरी तरह से गुंडई कर रहा था, उसे सत्ता का नशा था, वो सुशील गुरनानी को धमकी देकर गया कि मेरी फोटो खींचकर जिसको जहां भेजनी हो भेज दो लेकिन जमीन छोड़ दो।”
40 से 50 लोग राइफल बंदूक लेकर कब्जा करने पहुंचे
पूर्व आईजी राजेश पांडे ने बताया, इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय इंस्पेक्टर को भेजा गया तो उसने बताया कि यहां पर अतीक अहमद के 40 से 50 लोग राइफल बंदूक लेकर कब्जा करने आए हैं। पुलिस की एक्टिविटी बढ़ी तो उस समय सरकार के कई ताकतवर लोगों का अतीक अहमद की सिफारिश में फोन आया।”
पूर्व आईजी राजेश पांडे ने बताया, इसकी सूचना मिलते ही स्थानीय इंस्पेक्टर को भेजा गया तो उसने बताया कि यहां पर अतीक अहमद के 40 से 50 लोग राइफल बंदूक लेकर कब्जा करने आए हैं। पुलिस की एक्टिविटी बढ़ी तो उस समय सरकार के कई ताकतवर लोगों का अतीक अहमद की सिफारिश में फोन आया।”
हम चुप बैठ जाते तो आज आप मेरा इंटरव्यू ना होता
उन्होंने आगे बताया, “कुर्सी जाने का खतरा था फिर भी हमने और DM साहब ने फैसला किया कि कुर्सी रहे या जाए। लेकिन लखनऊ में अतीक अहमद को तो नहीं घुसने देंगे और अपनी बदनामी नहीं होने देंगे। कुर्सी जाने के खतरे से हम चुप बैठ जाते तो आज आप मेरा इंटरव्यू ना कर रहे होते।”
उन्होंने आगे बताया, “कुर्सी जाने का खतरा था फिर भी हमने और DM साहब ने फैसला किया कि कुर्सी रहे या जाए। लेकिन लखनऊ में अतीक अहमद को तो नहीं घुसने देंगे और अपनी बदनामी नहीं होने देंगे। कुर्सी जाने के खतरे से हम चुप बैठ जाते तो आज आप मेरा इंटरव्यू ना कर रहे होते।”
पूर्व आईजी राजेश पांडे ने बताया, “अतीक अहमद का 40 साल पुराना नेटवर्क है, उसके नेटवर्क में कई मददगार हैं, हमारे महकमे में ही कई लोग उसके लिए काम करते थे, जिनको अब ट्रांसफर किया गया है। अतीक के 40 साल के साम्राज्य के ढहने का वक्त आ गया है।”
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आज से यह जमीन अतीक भाई की हैपूर्व आईजी राजेश पांडे ने बताया, “साबरमती जेल में बंद अतीक अहमद पिछली सरकारों में इतना बेखौफ था कि वह प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक जिस व्यापारी की जो जमीन पसंद आती थी, उसे अतीक के गुर्गे व्यापारी को धमकाकर कहते कि कल तक जमीन तुम्हारी थी…अब आज से यह जमीन अतीक भाई की हुई।”
असलहधारी लोग खाली प्लॉट पर पहुंचकर किए कब्जा
दरअसल, एक घटना समाजवादी पार्टी की सरकार में अगस्त साल 2015 में लखनऊ के बड़े व्यापारी और होटल व्यवसायी सुशील गुरनानी के साथ हुई थी। सुशील गुरनानी की PGI इलाके में कीमती जमीन थी, जिस पर 14 अगस्त 2015 को अचानक उन्हें खबर मिलती है, कुछ असलहधारी लोग उनके खाली पड़े प्लॉट पर पहुंचे हैं और कब्जा करने जा रहे हैं।
दरअसल, एक घटना समाजवादी पार्टी की सरकार में अगस्त साल 2015 में लखनऊ के बड़े व्यापारी और होटल व्यवसायी सुशील गुरनानी के साथ हुई थी। सुशील गुरनानी की PGI इलाके में कीमती जमीन थी, जिस पर 14 अगस्त 2015 को अचानक उन्हें खबर मिलती है, कुछ असलहधारी लोग उनके खाली पड़े प्लॉट पर पहुंचे हैं और कब्जा करने जा रहे हैं।
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अपने गिरोह के साथ होटल पहुंचा अतीक अहमद
पूर्व आईजी राजेश पांडे ने बताया, सुशील गुरनानी जब कागज लेकर जमीन पर पहुंचे तो वहां अतीक अहमद के गुर्गे असलहों के साथ खड़े थे। दावा कर रहे थे कि यह जमीन अतीक भाई की है, तुमने गलत तरीके से खरीदी है। अगले दिन सुशील गुरनानी को धमकाने के लिए खुद अतीक अहमद अपने गिरोह के साथ सुशील के होटल पहुंच गया।”
सुशील गुरनानी ने कहा, “हम जब तक मदद मांगने की सोचते अगले दिन अतीक अहमद खुद अपने गुंडों के साथ मेरे हजरतगंज होटल सिल्वेटे आ गया। उसने धमकी दी कि यह फोटो अखिलेश से लेकर डीजीपी तक… जहां मन हो वहां भेज देना, लेकिन अगर यह जमीन नहीं छोड़ी तो तुम अपना सोच लेना क्या होगा।”
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DM और SSP ने की मदद
सुशील गुरनानी ने कहा, “सपा की सरकार थी हम किससे गुहार लगाते? मैंने तत्कालीन मुख्य सचिव आलोक रंजन से शिकायत की। आलोक रंजन की मदद से मैं लखनऊ के DM रहे राजशेखर और SSP राजेश पांडे से मिला। DM साहब ने तत्काल SDM की निगरानी में एक टीम बनाई। SSP राजेश पांडे ने स्थानीय पुलिस के साथ-साथ पीएसी लगवा कर मेरी जमीन पर बाउंड्री खड़ी करवा दी।”
अब योगीजी से हम सबको है उम्मीद
सुशील गुरनानी ने कहा, “उस समय अतीक अहमद का इतना खौफ था कि मैंने मारे डर के FIR तक नहीं कराई, लेकिन आज अतीक अहमद की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। हम व्यापारियों को बड़ी राहत है। अतीक अहमद का बड़ा नेटवर्क है, उस नेटवर्क को तोड़ने में टाइम लग रहा है, लेकिन हमें भरोसा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो कहा है कि इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे तो अतीक अहमद ही नहीं अब ऐसे हर माफिया को मिट्टी में मिला दिया जाएगा।”
सुशील गुरनानी ने कहा, “उस समय अतीक अहमद का इतना खौफ था कि मैंने मारे डर के FIR तक नहीं कराई, लेकिन आज अतीक अहमद की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। हम व्यापारियों को बड़ी राहत है। अतीक अहमद का बड़ा नेटवर्क है, उस नेटवर्क को तोड़ने में टाइम लग रहा है, लेकिन हमें भरोसा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो कहा है कि इस माफिया को मिट्टी में मिला देंगे तो अतीक अहमद ही नहीं अब ऐसे हर माफिया को मिट्टी में मिला दिया जाएगा।”