क्या है रेमडेसिविर
यह एंटीवायरल दवा है, जिसे अमेरिका की दवा कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है। एक दशक पहले इसे हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस के इलाज के लिए बनाया गया था। गिलियड साइंसेज ने तब इबोला के ड्रग के रूप में विकसित किया। लेकिन, इसे कभी बाजार में उतारने की मंजूरी नहीं मिली। अब रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। हालांकि, कोरोना के इलाज में इसके प्रभावी ढंग से काम करने को किसी ने मान्यता नहीं दी है। फिलहाल बिना डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के यह कोरोना के लिए 50 देशों में यह दवा इस्तेमाल की जा रही है।
यह एंटीवायरल दवा है, जिसे अमेरिका की दवा कंपनी गिलियड साइंसेज ने बनाया है। एक दशक पहले इसे हेपेटाइटिस सी और सांस संबंधी वायरस के इलाज के लिए बनाया गया था। गिलियड साइंसेज ने तब इबोला के ड्रग के रूप में विकसित किया। लेकिन, इसे कभी बाजार में उतारने की मंजूरी नहीं मिली। अब रेमडेसिविर इंजेक्शन का इस्तेमाल कोरोना के गंभीर मरीजों के इलाज में किया जा रहा है। हालांकि, कोरोना के इलाज में इसके प्रभावी ढंग से काम करने को किसी ने मान्यता नहीं दी है। फिलहाल बिना डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के यह कोरोना के लिए 50 देशों में यह दवा इस्तेमाल की जा रही है।
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रेमडेसिविर पर भारत सरकार का क्या है पक्ष
रेमडेसिविर पर सरकार का पक्ष ये है कि ये कोरोना के लिए जीवनरक्षक दवा नहीं। कोरोना में रेमडेसिविर गैरजरूरी है। इसके इस्तेमाल से फायदे की गारंटी नहीं है। फिर कुछ डॉक्टर जिन मरीजों का ऑक्सीजन लेवल नीचे है उन्हें इसे दे रहे हैं। इससे कुछ मरीजों के हार्ट और लिवर पर साइड इफेक्ट संभव है।
भारत में रेमडेसिविर की क्या है स्थिति
भारत में इस दवा का प्रोडक्शन सिप्ला, जाइडस कैडिला, हेटेरो, माइलैन, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा जैसी कई कंपनियां करती रही हैं। इन 7 प्रमुख कंपनियों की रोज 1.30 लाख डोज की क्षमता है। हालांकि कुछ कंपनियों ने इसकी उत्पादन क्षमता डबल कर दी है।
भारत में इस दवा का प्रोडक्शन सिप्ला, जाइडस कैडिला, हेटेरो, माइलैन, जुबिलैंट लाइफ साइंसेज, डॉ रेड्डीज, सन फार्मा जैसी कई कंपनियां करती रही हैं। इन 7 प्रमुख कंपनियों की रोज 1.30 लाख डोज की क्षमता है। हालांकि कुछ कंपनियों ने इसकी उत्पादन क्षमता डबल कर दी है।
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सरकार ने कम की कीमत
केंद्र सरकार ने रेमडेसिविर की कीमतों में लगभग 50 फीसद कटौती की है। इसकी कीमत दो हजार रुपए तक कम कर दी गई है। इस इंजेक्शन की कीमत अब 899 से लेकर 5400 तक है। 899 में जायडल कैडिला सबसे सस्ती है। हालांकि, ब्लैक मार्केट में इसका इंजेक्शन 30,000 रुपए में तक में बिका।
रेमडेसिविर की उपलब्धता के लिए सीएम योगी के निर्देश
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेमडेसिविर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी पर संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट अथवा रासुका के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया है। अब यूपी में रेमडेसिविर दवा की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता है। रोगी की कोविड रिपोर्ट, डॉक्टर का पर्चा, आरटीपीसीआर की रिपोर्ट के बाद सीएमओ कार्यालय और प्रमुख मेडिकल स्टोर से इसे लिया जा सकता है। ‘रेमडेसिविर की 20,000 से 30,000 बॉयल का रिजर्व स्टॉक यूपी में रखा गया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रेमडेसिविर जैसी जीवनरक्षक दवाओं की कालाबाजारी पर संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध गैंगस्टर एक्ट अथवा रासुका के अंतर्गत कठोरतम कार्रवाई का निर्देश दिया है। अब यूपी में रेमडेसिविर दवा की कोई कमी नहीं है। सभी जिलों में इनकी उपलब्धता है। रोगी की कोविड रिपोर्ट, डॉक्टर का पर्चा, आरटीपीसीआर की रिपोर्ट के बाद सीएमओ कार्यालय और प्रमुख मेडिकल स्टोर से इसे लिया जा सकता है। ‘रेमडेसिविर की 20,000 से 30,000 बॉयल का रिजर्व स्टॉक यूपी में रखा गया है।
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गयी जानकरियां और सूचनाएं सामान्य जानकरियों पर आधारित हैं। पत्रिका. कॉम इनकी पुष्टि नहीं करता। इन पर अमल करने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ से सम्पर्क करें।)