राजा भैया और गोपाल भैया का राजघराना जरूर अलग-अलग है, लेकिन इन राजघराने का याराना सदियों पुराना है। जामो अमेठी राजघराने और भदरी रियासत की तीन पीढ़ियां एक-दूसरे के साथ हमेशा से खड़ी रही हैं। इस दोस्ती का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब प्रतापगढ़ से राजकुमारी रत्ना को संसदीय चुनाव में हराना था तो राजा भैया ने अपने भाई समान मित्र कुंवर अक्षय प्रताप को ही चुनाव लडवाया था। राजा भैया से किसी भी मामले में कुंवर अक्षय प्रताप की हनक या रियासत कम नहीं रही है। 2004 में राजकुमारी रत्ना को हरा कर कुंवर प्रतापगढ़ सांसद बने थे।
यह भी पढ़े – इन आलीशान गाड़ियों के शौकीन हैं राजा भइया, जानिए क्या है इन कारों की कीमत अक्षय को भाई बताते हैं राजा भइया राजा भैया के समर्थन से अक्षय प्रताप लगातार पांच बार एमएलसी बनते आ रहे हैं। तीन बार से वह सपा के टिकट पर एमएलसी बने रहे हैं और 2016 में निर्विरोध चुने गए। राजा भैया अक्षय प्रताप को मित्र नहीं बल्कि कई इंटरव्यू के दौरान अपना भाई बताते हैं। उनका कहना है कि अक्षय हो या मैं दोनों एक ही बात है।
यह भी पढ़े – योगी सरकार को लेकर राजा भैया ने आखिर ऐसा क्यों कहा, जानिए दोनों कुंवर के एक जैसे हैं शौक जामो अमेठी के वारिस कुंवर अक्षय प्रताप सिंह के शौक भी अपने मित्र की तरह ही हैं। वह भी अपने क्षेत्र के बाहुबलियों में गिने जाते हैं। जिस तरह बेंती का महल अपनी खासियत के लिए मशहूर है, उसी तरह जामो अमेठी राजघराने का महल न केवल बेहद खूबसूरत है, बल्कि अत्याधुनिक सुविधाओं से बनाया गया है।