लखनऊ

उत्तराखंड में दिखा दुर्लभ हिम तेंदुआ, पूर्व में भी मौजूदगी के मिले थे प्रमाण

Snow Leopard In Uttarakhand:उत्तराखंड की दारमा घाटी में दुर्लभ श्रेणी का हिम तेंदुआ दिखने से पशु प्रेमियों में खुशी का माहौल है। पूर्व में भी यहां हिम तेंदुए के अस्तित्व में होने के प्रमाण मिल चुके थे। इस बार हिम तेंदुए की फोटोग्राफर ने तस्वीर खींचकर प्रमाण को सत्य साबित कर दिया है।

लखनऊDec 14, 2024 / 12:17 pm

Naveen Bhatt

उत्तराखंड में दुर्लभ हिम तेंदुआ देखा गया है

Snow Leopard In Uttarakhand:संकटग्रस्त हिम तेंदुए का अस्तित्व उत्तराखंड में अब भी बरकरार है। भारी बर्फबारी के बाद बेहद दुर्लभ श्रेणी में शामिल हिम तेंदुआ पिथौरागढ़ जिले की दारमा घाटी में नजर आया है। इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने हिम तेंदुए को संकटग्रस्त की श्रेणी में रखा हुआ है। समुद्र तल से करीब 10 हजार 700 फीट से अधिक की ऊंचाई वाले क्षेत्र में 10 दिसंबर को शाम 4 बजे माउंटेन राइड की टीम ने हिम तेंदुआ देखा। पांच सदस्यीय माउंटेन राइड टीम के जयेन्द्र फिरमाल के मुताबिक बिना देरी किए उन्होंने हिम तेंदुए का फोटो खींच लिया था। उनकी टीम में सुरेश सिंह, दिनेश सिंह, कैलास, मोहन शामिल थे।

हिम तेंदुए की खोज में अभियान

हिम तेंदुआ दिखने से पर्यावरण प्रेमियों में खुशी का माहौल है।  जयेंद्र के मुताबिक उनकी टीम ने तीन साल में तीसरी बार इसी घाटी में हिम तेंदुए को देखा है। इससे पूर्व भी माउंटेन राइड की टीम ने 4 फरवरी 2022 और इसके बाद 10 फरवरी 2023 को इसी रेंज में हिम तेंदुए को देखा था। साल 2020 में मुनस्यारी की गोरी घाटी में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने हिम तेंदुए के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद किए थे। तीसरे साल लगातार हिम तेंदुए के इसी घाटी में नजर आने से वहां मौजूदगी के ठोस प्रमाण मिले हैं। माउंटेन राइड की टीम कई सालों से स्वयं के संसाधनों से हिम तेंदुए के संरक्षण में जुटी हुई है। टीम के सदस्य बताते हैं कि कड़ाके की ठंड और भारी जोखिम होने के बाद भी वे हर साल इसकी खोज में अभियान चलाते हैं। कहा कि कई क्षेत्र में इसके फुट प्रिंट भी उन्हें मिले हैं।
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भारी बर्फबारी के बाद दिखा हिम तेंदुआ

मानव आबादी से दूर रहने वाला हिम तेंदुआ पूरी तरह से माइग्रेशन गांव खाली हो जाने के बाद सोमवार तड़के हुई बर्फबारी के बाद सक्रिय हुआ है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी के बाद वह माइग्रेशन गांवों के आसपास के जंगलों में पहुंचा है। आम तौर पर समुद्र सतह से करीब 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाला हिम तेंदुआ शीतकाल में वहां अधिक हिमपात के बाद 10 हजार फीट तक के क्षेत्र में उतर आता है। यह बेहद फुर्तीला जानवर है और करीब 16 मीटर दूरी तक पहाड़ों में छलांग लगाने में माहिर होता है।
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दुर्लभ हिम तेंदुए के बारे में ये भी जानें

● 718 है भारत में हिम तेंदुओं की संख्या, राज्य में 124 संख्या
● 477 स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुए) लद्दाख में सर्वाधिक देखे गए हैं

● 93392 वर्ग किमी में देश में हिम तेंदुए का निवास है चिह्नित

● 3450 किमी ट्रेल्स विचरण क्षेत्र में हुई हैं हिम तेंदुए की आवाजाही

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