हिम तेंदुए की खोज में अभियान
हिम तेंदुआ दिखने से पर्यावरण प्रेमियों में खुशी का माहौल है। जयेंद्र के मुताबिक उनकी टीम ने तीन साल में तीसरी बार इसी घाटी में हिम तेंदुए को देखा है। इससे पूर्व भी माउंटेन राइड की टीम ने 4 फरवरी 2022 और इसके बाद 10 फरवरी 2023 को इसी रेंज में हिम तेंदुए को देखा था। साल 2020 में मुनस्यारी की गोरी घाटी में डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने हिम तेंदुए के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद किए थे। तीसरे साल लगातार हिम तेंदुए के इसी घाटी में नजर आने से वहां मौजूदगी के ठोस प्रमाण मिले हैं। माउंटेन राइड की टीम कई सालों से स्वयं के संसाधनों से हिम तेंदुए के संरक्षण में जुटी हुई है। टीम के सदस्य बताते हैं कि कड़ाके की ठंड और भारी जोखिम होने के बाद भी वे हर साल इसकी खोज में अभियान चलाते हैं। कहा कि कई क्षेत्र में इसके फुट प्रिंट भी उन्हें मिले हैं। ये भी पढ़ें- छह जिलों में 1453 सरकारी स्कूल होंगे बंद, वजह जान चौंक जाएंगे आप
भारी बर्फबारी के बाद दिखा हिम तेंदुआ
मानव आबादी से दूर रहने वाला हिम तेंदुआ पूरी तरह से माइग्रेशन गांव खाली हो जाने के बाद सोमवार तड़के हुई बर्फबारी के बाद सक्रिय हुआ है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में अधिक बर्फबारी के बाद वह माइग्रेशन गांवों के आसपास के जंगलों में पहुंचा है। आम तौर पर समुद्र सतह से करीब 15 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में रहने वाला हिम तेंदुआ शीतकाल में वहां अधिक हिमपात के बाद 10 हजार फीट तक के क्षेत्र में उतर आता है। यह बेहद फुर्तीला जानवर है और करीब 16 मीटर दूरी तक पहाड़ों में छलांग लगाने में माहिर होता है। ये भी पढ़ें- Master plan:जागेश्वर धाम में म्यूजियम से ब्रह्मकुंड तक होगा रिवर फ्रंट का काम, डीपीआर तैयार
दुर्लभ हिम तेंदुए के बारे में ये भी जानें
● 718 है भारत में हिम तेंदुओं की संख्या, राज्य में 124 संख्या ● 477 स्नो लेपर्ड (हिम तेंदुए) लद्दाख में सर्वाधिक देखे गए हैं ● 93392 वर्ग किमी में देश में हिम तेंदुए का निवास है चिह्नित ● 3450 किमी ट्रेल्स विचरण क्षेत्र में हुई हैं हिम तेंदुए की आवाजाही