पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आई ये बात रणजीत बच्चन की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उन्हें 9 एमएम की बंदूक से गोली लगने की बात सामने आई है। इस तरह की बंदूक सिर्फ प्रोफेशनल शूटर्स इस्तेमाल करते हैं। गोली बहुत नजदीक से और सीधे रणजीत के सिर पर मारी गई थी, जिससे कि उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
हिंदू विरोधी दल पर हत्या का आरोप रणजीत बच्चन की पत्नी कालिंदी ने हिंदू विरोधी दल पर पति की हत्या का आरोप लगाया है। उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया लेकिन कहा कि उनकी किसी से कोई दुश्मनी नहीं थी। वह हिंदू धर्म के लिए काम करते थे। उन्होंने पुलिस से कभी सुरक्षा की मांग भी नहीं की थी।
50 लाख रुपये मुआवजे की मांग रणजीत की पत्नी कालिंदी ने सरकारी नौकरी, 50 लाख रुपये और गनर की मांग की है। रणजीत के करीबी डॉ. उमाशंकर मिश्र के अनुासर, रणजीत को कई बार शस्त्र लाइसेंस लेने के लिए कहा गया था लेकिन उन्होंने कभी इसके लिए आवेदन नहीं किया था। अगर उनके पास लाइसेंसी हथियार होता, तो वे दुर्घटना के समय अपना बचाव कर सकते थे।
दो शादियों का रहा विवाद हिंदूवादी नेता रणजीत का दो शादियों को लेकर भी विवाद रहा। उन्होंने 2015 में पहली पत्नी को बिना बताए दूसरी शादी कर ली थी। रणजीत ने दूसरी शादी लखनऊ स्थित विकासनगर निवासी स्मृति से की थी। जब दो शादियों का राज खुला, तो काफी विवाद हुआ। रणजीत की पहली पत्नी कालिंदी की बहन ने गोरखपुर में रणजीत के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवा दी थी। उधर, दूसरी पत्नी ने पहला शादी का राज जानने के बाद रणजीत से रिश्ता तोड़ दिया था।
फायरिंग में घायल आदित्य ने बताया कि रणजीत की पहली पत्नी से कुछ विवाद चल रहा था। एडीशनल पुलिस कमिश्नर नवीन अरोड़ा के मुताबिक, मामले की जांच के लिए पुलिस की आठ टीम को लगाया गया है।
कौन थे रणजीत बच्चन रंजीत बच्चन समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से जुड़े थे। वह सपा के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करवाते थे। मूल रूप से गोरखपुर के रहने वाले बच्चन को लखनऊ के हजरतगंज के ओसीआर बिल्डिंग में फ्लैट लेकर रहते थे। उन्होंने विश्व हिंदू महासभा नामक संगठन बनाया था और उसके वह अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष थे। रणजीत की हत्या के पर गोरखपुर में पारिवारिक रंजिश की एक एफआईआर दर्ज की गई है।