लखनऊ

रामवीर उपाध्याय की बसपा में फिर हो सकती है वापसी, अनुशासनहीनता के आरोप में मायावती ने किया था निलम्बित

– सादाबाद विधायक Ramveer Upadhyay का निलम्बन हो सकता है वापस- लोकसभा चुनाव 2019 के बाद मायावती ने रामवीर उपाध्याय को बसपा से किया था बाहर- जानें- रामवीर उपाध्याय का पूरा राजनीतिक सफर

लखनऊJul 13, 2019 / 08:17 pm

Hariom Dwivedi

रामवीर उपाध्याय की बसपा में फिर हो सकती है वापसी, अनुशासनहीनता के आरोप में मायावती ने किया था निलम्बित

लखनऊ. सादाबाद विधायक रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) का निलम्बन वापस हो सकता है। सियासी गलिायरों में चर्चा है कि बहुजन समाज पार्टी (BSP) उनका निलम्बन वापस ले सकती है। गौरतलब है कि रामवीर उपाध्याय को लोकसभा चुनाव 2019 के बाद मायावती (Mayawati) ने रामवीर उपाध्याय को बसपा निलम्बित कर दिया था। उपाध्याय पर आरोप लगे कि उन्होंने पार्टी के निर्देशों के खिलाफ जाकर भाजपा समर्थन किया है।
सूबे के सियासी गलियारों में चर्चा है कि बसपा में रामवीर उपाध्यक्ष का निलम्बन समाप्त हो सकता है। हालांकि, इस बारे में खुद रामवीर उपाध्याय खुद की अनभिज्ञता जाहिर करते हैं। वहीं, बसपा के मंडल जोन को-ऑर्डिनेटर रणवीर सिंह कश्यप कहते हैं कि रामवीर उपाध्याय के निलम्बन वापसी को लेकर उन्हें कोई जानकारी नहीं है। इस प्रकरण में अंतिम फैसला बहन जी का ही होगा।
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बसपा से निलम्बन के बावजूद रामवीर उपाध्याय (Ramveer Upadhyay) ने मायावती (Mayawati) पर कोई आरोप नहीं लगाया, जैसा कि पूर्व में बसपा से निकाले गये कई नेताओं ने पार्टी प्रमुख पर लगाये थे। आरोप तो दूर वह प्रेसवार्ता में भी मायावती को बहनजी ही कहकर संबोधित करते नजर आये। बसपा से जब उन्हें निलम्बित किया गया तो उनके समर्थकों ने जरूर मायावती के खिलाफ नारेबाजी की, लेकिन रामवीर उपाध्याय कभी कुछ नहीं बोला। इतना ही नहीं, निलम्बन के बावजूद उनके ऑफिस में मायावती की तस्वीर लगी रही।
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ramveer upadhyay y का राजनीतिक सफर
– 1996 में बसपा के टिकट पर हाथरस जिले की सिकंदराराऊ विधानसभा सीट से विधायक चुने गए
– मार्च 1997 से सितंबर 1997 तक मायावती सरकार में वह परिवहन एवं ऊर्जा मंत्री रहे
– अक्टूबर 1997 में कल्याण सिंह की सरकार में एक महीने के लिए फिर परिवहन एवं ऊर्जा मंत्री बने
– 2002 के विधानसभा में एक बार फिर से सिकंदराराऊ से विधायक चुने गये
– मई 2002 से अगस्त 2003 तक मायावती सरकार में ऊर्जा एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री बने
– 2007 में तीसरी बार सिकंदराराऊ विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते
– मई 2007 से मार्च 2012 तक बसपा सरकार में ऊर्जा मंत्री रहे
– 2012 विधानसभा चुनाव में चौथी बार सिकंदराराऊ सीट से विधायक चुने गये
– 2017 के विधानसभा चुनाव में पांचवी बार बसपा के टिकट पर विधायक चुने गये
– 2019 में बहुजन समाज पार्टी से निलम्बन, अनुशासनहीनता के लगे आरोप
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