इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय फ़ाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश में चलाये जा रहे मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियानों के लिए प्रदेश सरकार अत्यंत संवेदनशील है और कोविड-19 की चुनौतियों के बीच भी इन कार्यक्रमों को कोविड- के प्रोटोकॉल का अनुपालन करते हुए एवं सहयोगी संस्थाओं के सहयोग से सफलतापूर्वक संचालित किया जा रहा है । उन्होंने आंध्र प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, ओड़िसा और पश्चिम बंगाल से आये हुए अधिकारियों और विशेषज्ञों का स्वागत किया और कहा कि डब्लूएचओ के अनुसार पिछले कई वर्षों के एमडीए की तुलना में वर्तमान एमडीए कार्यक्रम की कवरेज 33 फीसद से बढ़कर 78 फीसद हो गयी है जो कि उत्साहवर्धक है ।
ये आंकड़े चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के समस्त अधिकारियों, स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन वर्कर्स , सहयोगी संस्थाओं के पारस्परिक समन्वय द्वारा किये गए अथक प्रयासों का परिणाम हैं। उन्होंने कहा- जनपद रामपुर फाइलेरिया से पूरी तरह मुक्त हो गया है और पूरा विश्वास है कि जनपद रामपुर की तरह ही फ़ाइलेरिया प्रभावित प्रदेश के अन्य जनपद भी फ़ाइलेरिया रोग से जल्द ही मुक्त होंगे । इस कारण से टास के दूसरे चरण के आंकड़े देखने के बाद प्रदेश के रामपुर जनपद में एमडीए कार्यक्रम रोक दिया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की, कि इस कार्यक्रम में अन्य प्रदेशों से आये हुए अधिकारियों और विशेषज्ञों की लिम्फेटिक फ़ाइलेरिया के उन्मूलन की उपलब्धियां और चुनौतियों जानने के बाद प्रदेश को एमडीए कार्यक्रम को और बेहतर ढंग से आयोजित करने में सहायता मिलेगी।
प्रशिक्षण कार्यक्रम में डब्लूएचओ के डॉ. कमलाकर और विषय विशेषज्ञ डॉ. कृष्णामूर्ति ने लिम्फेटिक फ़ाइलेरिया के विभिन्न पहलुओं एवं एमडीए कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु टास के महत्व के बारे में विस्तार से बताया । विषय विशेषज्ञ डॉ. एस. सुब्रमण्यम ने किसी सर्वेक्षण को डिजाईन करने की प्लानिंग के बारे में प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण बिंदु बताये और इसके सम्बन्ध में प्रतिभागियों से अभ्यास भी करवाया। कार्यक्रम में उपस्थित बिल एंड मिलिंडा गेट्स के प्रतिनिधि डॉ. भूपेंद्र त्रिपाठी ने बताया कि इस बार पहली बार टास समुदाय के साथ आयोजित किया जा रहा है ।
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से अनुरोध किया कि प्रदेश में लिम्फोडिमा और हाइड्रोसील के मरीजों के रोग प्रबंधन के लिए जनपद स्तर पर विशेष प्रबंध किये जाने की अत्यंत आवश्यकता है। डब्लूएचओ के प्रतिनिधि डॉ. रीडरिको ओफ्फ्रिन ने वर्चुअल माध्यम से लोगों को एमडीए कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सन्देश दिया।