लखनऊ

आज लगेगी रामलीला की वैश्विक पाठशाला

अयोध्या शोध संस्थान की इस नि:शुल्क पहल पर जुड़ेंगे विश्व भर के सैकड़ों प्रशिक्षणार्थी

लखनऊJul 11, 2020 / 09:52 pm

Ritesh Singh

Ramlila Global pathshala

लखनऊ। सावन में अश्वनी शुक्ल पक्ष में होने वाले दशहरे पर्व का जैसा उत्साह दिख रहा है। दरअसल वैश्विक आदर्श महामानव के रूप में स्थापित प्रभु राम पर आधारित अवध की विश्व प्रसिद्ध संगीत प्रधान लोक नाट्य शैली रामलीला के बारे में आसान रूप से पहली बार वैश्विक स्तर पर ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस वैश्विक महा अभियान का अंतिम सत्र रविवार 12 जुलाई को होगा। अयोध्या शोध संस्थान की ओर से देश-विदेश के कलाकारों को रामलीला सिखाने की कड़ी के उस अंतिम सत्र में रामलीला के वरिष्ठ कलाकार रामलीला मंचन से जुड़े विविध पक्षों को आसान भाषा और क्रियाओं के माध्यम से समझाएंगे। इसके लिए इच्छुक व्यक्ति अयोध्या शोध संस्थान के वेब साइट से जानकारी हासिल कर सकेंगे।
संस्थान के निदेशक वाई.पी.सिंह ने बताया विश्व में पहली बार रामलीला के प्रशिक्षण का कार्यक्रम इतने वृहद और सघन रूप में वेबिनार पर आयोजित किया जा रहा है। उनके अनुसार आनॅलाइन रामलीला वेबिनार की शुरुआत 21 जून से हुई थी। यह उस क्रम में 28 जून और 5 जुलाई के बाद अंतिम कड़ी में 12 जुलाई को होगी। इस वेबिनार में विश्व के 7 देशों के 300 से अधिक प्रशिक्षणार्थी हैं। यह प्रशिक्षण निर्धारित रविवारीय सत्र में शाम 7 बजे से संचालित किया जा रहा है। इसमें रंगमंच और रामलीला के विशेष गोरखपुर के मानवेंद्र त्रिपाठी रामलीला के गायन, मेकअप, संवाद आदि विषयों की जानकारी दे रहे हैं।
इस वैश्विक वेबिनार के तकनीकी संयोजक जगमोहन रावत ने बताया कि इस प्रशिक्षण में राम से जुड़ी 13 कथाओं का चुनाव प्रशिक्षण के लिए किया गया है। इसके अंतिम चरण में सीता-हनुमान संवाद, अंगद-रावण संवाद, राम के राज्याभिषेक का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही रामलीला के गायन वाले संवादों के रागों की भी जानकारी दी जाएगी। इस में लोकप्रिय गायक रामदरस शर्मा गायन का प्रशिक्षण देंगे वहीं राधेश्याम पांरपरिक मुख सज्जा के बारे में जानकारी देंगे।
पार्श्व संगीत के बारे में मनोज त्रिपाठी बताएंगे। इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर फॉर द आर्टस में जनपद सम्पदा की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मौली कौशल का भी सारगर्भित व्याख्यान होगा। खास बात यह भी रहेगी की प्रशिक्षण का अंग्रेजी भाषा में अनुवाद भी साथ साथ किया जाएगा। इसमें भारत के अलावा त्रिनिदाद सूरीनाम, मॉरीशस, वेनेजुएला, इजराइल, फिजी, यूएसए, गयाना, इंडोनेशिया के तीन सौ से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। अयोध्या शोध संस्थान के फेसबुक पेज पर भी सम्बंधित जानकारियां अपलोड की जा रही हैं।

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