पूरे दिन बहनें बांध सकेंगे राखी इस तिथि पर भद्रा काल और राहुकाल का विशेष ध्यान रखा जाता है। भद्रा काल और राहुकाल में राखी नहीं बांधी जाती, क्योंकि इन काल में शुभ कार्य वर्जित है। इस साल भद्रा का साया राखी पर नहीं है। भद्रा काल 23 अगस्त, 2021 सुबह 05 बजकर 34 मिनट से 06 बजकर 12 मिनट तक होगा। 22 अगस्त दिन रविवार को पूरे दिन बहनें भाइयों की कलाई में राखी बांध सकेंगी।
सवा चार घंटे तक शोभन योग इस बार राखी के पर्व पर अशुभ माना जाने वाला भद्रा का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसलिए सुबह से श्रेष्ठ मुहूर्त है। खासकर सवा चार घंटे तक विद्यमान रहने वाले शोभन योग के संयोग में राखी बांधना श्रेष्ठ होगा। शोभन योग सुबह 6.15 से 10.35 बजे तक पड़ रहा है। इसके पश्चात शाम 7.45 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा।
रक्षाबंधन की तिथि, मुहूर्त और काल रक्षाबंधन तिथि- रविवार 22 अगस्त
पूर्णिमा तिथि शुरू-21 अगस्त शाम 3 बजकर 45 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन-22 अगस्त की शाम 05 बजकर 58 मिनट पर
शुभ मुहूर्त : सुबह 05 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक
रक्षाबंधन की समयावधि-कुल 12 घंटे और 11 मिनट
रक्षाबंधन के लिए दोपहर का समय-1 बजकर 44 मिनट से 04 बजकर 23 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त-दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
अमृत काल : सुबह 09:34 बजे से 11:07 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04:33 से 05:21 बजे तक
भद्रा काल : 23 अगस्त सुबह 05:34 बजे से 06:12 बजे
पूर्णिमा तिथि शुरू-21 अगस्त शाम 3 बजकर 45 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन-22 अगस्त की शाम 05 बजकर 58 मिनट पर
शुभ मुहूर्त : सुबह 05 बजकर 50 मिनट से शाम 06 बजकर 03 मिनट तक
रक्षाबंधन की समयावधि-कुल 12 घंटे और 11 मिनट
रक्षाबंधन के लिए दोपहर का समय-1 बजकर 44 मिनट से 04 बजकर 23 मिनट तक
अभिजीत मुहूर्त-दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक
अमृत काल : सुबह 09:34 बजे से 11:07 बजे तक
ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04:33 से 05:21 बजे तक
भद्रा काल : 23 अगस्त सुबह 05:34 बजे से 06:12 बजे