लखनऊ

प्रतापगढ़ में मोहर्रम पर राजा भैया के पिता समेत 13 लोग नजरबंद, भदरी किले के बाहर पुलिस तैनात

कुंडा के शेखपुर में मोहर्रम पर प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है। इसी के मद्देनजर पूर्व मंत्री राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह समेत 13 लोग नजरबंद किया गया है।

लखनऊJul 29, 2023 / 10:20 am

Anand Shukla

राजा भैया के पिता हर साल बन्दर की बरसी पर शेखपुर में भंडारा करते है।

मुहर्रम पर आज देश भर में मातमी जुलूस निकाला जा रहा है। प्रशासनिक और पुलिस विभाग के अफसरों ने प्रदेश में मोहर्रम पर शांति रखने के लिए कमर कसी है। इसी कड़ी में प्रतापगढ़ जिले के कुंडा में मोहर्रम पर पूर्व मंत्री रघुराज प्रताप सिंह के पिता उदय प्रताप सिंह सहित 13 लोगों को नजरबंद किया गया है। जिन 13 लोगों को नजरबंद किया है, उनमें जितेंद्र सिंह, रमाशंकर मिश्र, भवानी विश्वकर्मा, आनंदपाल, रवि सिंह, केसरी नंदन पांडेय, हनुमान प्रसाद पांडेय, जमुना मौर्या, निर्भय सिंह, गया प्रसाद प्रजापति, मोहनलाल, जुगनू विश्वकर्मा का नाम शामिल है।
ये सभी लोग शुक्रवार शाम 5:30 बजे से शनिवार की रात 9:30 बजे तक पुलिस की निगरानी में रहेंगे। भदरी महल के बाहर भारी संख्या में पुलिस का पहरा है। वहीं, पुलिस प्रशासन का कहना है कि जिन लोगों को नंजरबंद किया है। इन लोगों के गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है।
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भदरी किले के बाहर भारी संख्या में तैनात पुलिस बल
बता दें कि प्रयागराज-लखनऊ हाईवे पर कुंडा के शेखपुर आशिक गांव में मोहर्रम में बवाल की आशंका के चलते पुलिस फोर्स तैनात कर दी जाती है। यहां पर साल 2013 में विवाद हुआ था। अब ऐसा न हो इसलिए वहां पर पुलिस तैनात की जाती है। इसी को देखते हुए शनिवार को शेखपुर आशिक गांव के पास हनुमान मंदिर में केवल पुरोहित को ही पूजन करने की अनुमति दी गई है। वहां अन्य किसी प्रकार के आयोजन की मनाही है। गांव के आसपास पीएसी के 100 जवान, कुंडा, नवाबगंज, हथिगवां , बाघराय, मानिकपुर, संग्रामगढ़ थाने की पुलिस व कौशाम्बी के पुलिसकर्मियों को बुलाकर तैनात किया गया है।
2013 में हुआ था विवाद
बात 2012 की है, जब शेखपुर गांव में सड़क के किनारे एक बंदर की गोली लगने से मौत हो गई थी। बंदर की हत्या किसने की, इसका खुलासा नहीं हो पाया। इस घटना के बाद वहां पर ग्रामीणों ने हनुमान मंदिर का निर्माण कर दिया और बंदर की पुण्यतिथि मनाने लगे। इसका आयोजन राजा उदय प्रताप सिंह उर्फ बड़े राजा भैया करवाते थे। यह भंडारा मोहर्रम के दिन ही होता है।
राजा भइया के पिता हर साल मोहर्रम के दिन शेखपुर में बन्दर की बरसी पर भंडारा करने के लिए अड़ जाते है। पिछले साल वह कुंडा तहसील परिसर में धरने पर बैठ गए थे। 2013 और 2014 में दो साल भंडारा और मोहर्रम का जुलूस साथ निकला। 2015 के मोहर्रम पर मुस्लिम समुदाय ने हनुमान मंदिर पर भंडारे और झंडे का विरोध करते हुए अपनी ताजिया नहीं उठाई और जमकर विरोध प्रदर्शन किया। इसके बाद मामला पुलिस-प्रशासन तक पहुंच गया। मोहर्रम के दसवीं के अगले दिन तत्कालीन डीएम और एसपी ने मामले को शांत कराके ताजिया को दफन कराया।
हाईकोर्ट तक पहुंचा था मामला
वहीं, 2016 में शेखपुर में तनाव की स्थिति हो गई, क्योंकि जिला प्रशासन ने राजा उदय प्रताप सिंह को भंडारे करने की अनुमति नहीं दी थी। हनुमान मंदिर पर भंडारे को लेकर मामला हाईकोर्ट तक पहुंच गया, लेकिन कोर्ट ने जिला प्रशासन को अपने स्तर से मामले को संभालने के लिए कहा था। इसके बाद से भंडारा बंद हो गया, लेकिन मुहर्रम पर लगने वाली चांदनी यानी गेट और झंडे को लेकर विवाद जारी रहा। यह 2019 में सुलझा। अब शेखपुर में सड़क पर बने गेट को लेकर विवाद की स्थिति बनती है।
सुरक्षा की नजर से मोहर्रम पर हर साल राजा उदय प्रताप सिंह को हाउस अरेस्ट कर लिया जाता है। 2016 से लेकर 2023 तक राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को 6 बार हाउस अरेस्ट किया गया है।
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