लखनऊ

राजा भैया ने लखनऊ में दिखाई अपनी ताकत, पीएम मोदी के बाद बनाया यह रिकॉर्ड, दिए बड़े बयान

विधायक राजा भैया की रैली की भव्यता को लेकर जिस तरह की उम्मीदें लगाई जा रही थी, नजारा उससे भी विशाल था।

लखनऊNov 30, 2018 / 08:59 pm

Abhishek Gupta

Raja Bhaiya

लखनऊ. विधायक राजा भैया की रैली की भव्यता को लेकर जिस तरह की उम्मीदें लगाई जा रही थी, नजारा उससे भी विशाल था। पूर्वांचल व अलग-अलग राज्यों से जुड़े लोगों ने जितनी बड़ी संख्या में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई उससे सभी दलों के होश उड़ गए हैं। इस जनसभा में करीब 2 लाख लोग जुटे और कहा जा रहा है कि इसने बसपा सुप्रीमो मायावती का रिकॉर्ड तोड़ दिया है जिन्होंने इसी मैदान से भारी संख्या के बीच हुंकार भरी थी। वहीं सुभासपा अध्यक्ष व यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने भी यहां जनसभा की थी, लेकिन इतनी भड़ी जुटाने में वे भी नाकामयाब रहे थे। वहां पहुंचे पत्रिका रिपोर्टर का कहना है कि पीएम मोदी के बाद ये दूसरी सबसे बड़ी जनसभा है।
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बहरहाल जितनी बड़ी जनसभा थी, राजा भैया का आत्मविश्वास भी उतना ही बड़ा था। उन्होंने बेबाक होकर कई मुद्दों पर जनता को संबोधित किया। राजनीति के 25 वर्ष पूरे होने पर उन्होंने जनसभा में समानता की बात कर लोगों का दिल जीता तो वहीं एससी-एसटी कानून पर सत्तापक्ष को निशाने पर लेकर किसी भी पार्टी से प्रभावित होने की संभावनाओं पर विराम लगाया।
हत्या और बलात्कार पर क्या जाति देखकर मुआवजा देना चाहिए?

राजा भैया ने मंच से जातिवाद पर जोरदार हमला किया। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि बलात्कार और हत्या के मामलों में मुआवजे का अलग-अलग नियम क्यों हैं? उन्होंने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना चाहिए क्योंकि किसी भी पीड़ित परिवार में दुर्घटना होने के बाद उसकी जाति पूछकर मदद नहीं करनी चाहिए। उन्होंने मांग की जघन्य अपराधों के लिए एक जैसा मुआवजा होना चाहिए। हम समानता के लिए संघर्ष शुरू करेंगे। उन्होंने साफ कहा कि वे प्रमोशन में आरक्षण के खिलाफ हैं।
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SC/ST एक्ट को लेकर भाजपा पर हमला-

यहीं नहीं राजा भैया ने SC/ST एक्ट कानून में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी भाजपा द्वारा उसमें संशोधन की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति एवं जनजाति कानून को साल दर साल और अधिक पेचीदा बना दिया गया है। उच्चतम न्यायालय द्वारा इसे असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद सभी पार्टियां संसद से कानून बनाने को लेकर एकजुट हो गईं। यह गलत है। राजा भैया ने इससे पहले साफ कहा कि चुनाव आयोग में उन्होंने पार्टी के लिए तीन नाम- जनसत्ता दल, जनसत्ता पार्टी व जनसत्ता लोकतांत्रिक पार्टी – दिए हैं, इनमें से किसी एक नाम का चयन होने के बाद वह आगे की रणनीति बनाएंगे। वैसे आज की रैली को देखकर प्रतीत होता है कि अन्य दलों की नींद उड़ने वाली है।
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