कांग्रेस नेता राज बब्बर को जिस केस में एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो वर्ष की सजा सुनाई है वह मामला वर्ष 1996 का है। मतदान अधिकारी श्रीकृष्ण सिंह राणा ने दो मई, 1996 को थाना वजीरगंज में राजबब्बर प्रत्याशी समाजवादी पार्टी और अरविन्द यादव समेत कई लोगों के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। इसमें कहा गया है कि राज बब्बर समर्थकों के साथ मतदान स्थल में घुस आए और न सिर्फ मतदान प्रक्रिया प्रभावित की, बल्कि सरकारी काम में बाधा पहुंचाई और ड्यूटी पर मौजूद लोगों से दुर्व्यवहार और मारपीट किया। इस दौरान श्रीकृष्ण सिंह राणा के अलावा पोलिंग एजेंट शिव सिंह को चोटें आई थी।
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UP Top News : बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर उद्घाटन पूर्व हादसा, पुल से 40 फीट नीचे गिरी पेट्रोलिंग कार 4 जख्मी विवेचना के बाद 23 मार्च 1996 को राजबब्बर और अरविंद यादव के विरुद्ध धारा 143, 332, 353, 323, 504, 188 आईपीसी एवं लोक प्रतिनिधित्व निवारण अधिनियम के अलावा 7 क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट के तहत अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। इस पर आठ अप्रैल 2003 को अदालत ने संज्ञान लेकर दोनों को तलब किया था। सोमवार को सुनवाई के दौरान दोनों आरोपियों की ओर से हाजिरीमाफी प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसे अदालत ने आज के लिए स्वीकार कर लिया है।