छह माह में प्राप्त हो सूचना प्रोविजनल नियुक्ति पत्र में कहा गया है कि अगर अभ्यर्थी का चरित्र और पिछला रिकॉर्ड सत्यापित नहीं होता है या उसके द्वारा अपने स्वसत्यापन या घोषणा पत्र में कोई गलत सूचना दी गई है, तो प्रोविजनल नियुक्ति पत्र तत्काल रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। उसके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा। वहीं अगर अभ्यर्थी की ओर से दी गई जानकारी में कोई आपत्ति नहीं होती है, तो प्रोविजनल नियुक्ति पत्र की पुष्टि की जाएगी। शासनादेश के मुताबिक छह महीने के भीतर अभ्यर्थी के चरित्र और पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन की सूचना मिलनी चाहिए। अगर छह महीने के भीतर सत्यापन की सूचना प्राप्त नहीं होती है, तब नियुक्ति प्राधिकारी पुलिस महानिदेशक को प्रकरण संदर्भित करते हुए तीन महीने में सत्यापन रिपोर्ट देने के लिए कहेंगे। अगर इसके बाद भी रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है तब गृह विभाग के संबंधित अधिकारियों से सत्यापन रिपोर्ट लिया जाएगा।
तथ्य गलत होने पर निरस्त कर दिया जाएगा नियुक्ति पत्र अगर अभ्यर्थी के बारे में तथ्य सही नहीं पाए जाते हैं तो तत्काल प्रभाव से उसका नियुक्ति पत्र निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही अभ्यर्थी को किसी भी राजकीय सेवा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और नियुक्ति प्राधिकारी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।