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लखनऊ

सरकारी नौकरी में नई व्यवस्था, चरित्र और पिछले रिकॉर्ड के आधार पर जारी होंगे प्रोविजनल नियुक्ति पत्र

Government Job में चयनित अभ्यर्थियो के चरित्र और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया के कारण जारी होने वाले नियुक्ति आदेश में विलंब को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है।

लखनऊApr 30, 2021 / 04:39 pm

Karishma Lalwani

सरकारी नौकरी में नई व्यवस्था, चरित्र और पिछले रिकॉर्ड के आधार पर जारी होंगे प्रोविजनल नियुक्ति पत्र

सरकारी नौकरी में नई व्यवस्था, चरित्र और पिछले रिकॉर्ड के आधार पर जारी होंगे प्रोविजनल नियुक्ति पत्र

लखनऊ. सरकारी नौकरी (Government Job) में चयनित अभ्यर्थियो के चरित्र और शैक्षिक प्रमाणपत्रों के सत्यापन की प्रक्रिया के कारण जारी होने वाले नियुक्ति आदेश में विलंब को देखते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने नई व्यवस्था लागू की है। अब चयनित अभ्यर्थियों से उनके चरित्र और पिछले रिकॉर्ड के बारे में सत्यापन पत्र और स्वघोषणा लिए जाएंगे और इसके आधार पर प्रोविजनल नियुक्ति पत्र जारी किए जाएंगे। मुख्य सचिव आरके तिवारी से इस संबंध में शासनादेश जारी किया है। इसके मुताबिक राज्य सरकार के किसी भी सेवा के लिए चयनित अभ्यर्थियों के चरित्र और उनके पिछले रिकॉर्ड का सत्यापन पहले की तरह किया जाएगा लेकिन नियुक्ति पत्र जारी करने के प्रकरण को इस तरह के सत्यापन के लिए लंबित रखने की जरूरत नहीं है। नियुक्ति प्राधिकारी अभ्यर्थी से निर्धारित प्रपत्रों में सत्यापन पत्र और स्वघोषणा पत्र प्राप्त कर उसे प्रोविजनल नियुक्ति पत्र जारी करेंगे। अभ्यर्थी को सत्यापन के विवरण के साथ ही स्वघोषणा पत्र भी देना होगा। पत्र में दी गई सभी जानकारी सही होनी चाहिए।
छह माह में प्राप्त हो सूचना

प्रोविजनल नियुक्ति पत्र में कहा गया है कि अगर अभ्यर्थी का चरित्र और पिछला रिकॉर्ड सत्यापित नहीं होता है या उसके द्वारा अपने स्वसत्यापन या घोषणा पत्र में कोई गलत सूचना दी गई है, तो प्रोविजनल नियुक्ति पत्र तत्काल रूप से निरस्त कर दिया जाएगा। उसके खिलाफ एक्शन भी लिया जाएगा। वहीं अगर अभ्यर्थी की ओर से दी गई जानकारी में कोई आपत्ति नहीं होती है, तो प्रोविजनल नियुक्ति पत्र की पुष्टि की जाएगी। शासनादेश के मुताबिक छह महीने के भीतर अभ्यर्थी के चरित्र और पिछले रिकॉर्ड के सत्यापन की सूचना मिलनी चाहिए। अगर छह महीने के भीतर सत्यापन की सूचना प्राप्त नहीं होती है, तब नियुक्ति प्राधिकारी पुलिस महानिदेशक को प्रकरण संदर्भित करते हुए तीन महीने में सत्यापन रिपोर्ट देने के लिए कहेंगे। अगर इसके बाद भी रिपोर्ट प्राप्त नहीं होती है तब गृह विभाग के संबंधित अधिकारियों से सत्यापन रिपोर्ट लिया जाएगा।
तथ्य गलत होने पर निरस्त कर दिया जाएगा नियुक्ति पत्र

अगर अभ्यर्थी के बारे में तथ्य सही नहीं पाए जाते हैं तो तत्काल प्रभाव से उसका नियुक्ति पत्र निरस्त कर दिया जाएगा। साथ ही अभ्यर्थी को किसी भी राजकीय सेवा के लिए अयोग्य घोषित कर दिया जाएगा और नियुक्ति प्राधिकारी उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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