ये भी पढ़ें- कोरोनाः प्रदेश भर के हुक्का बार पर लगा बैन, कोर्ट ने दिया बड़ा आदेश मामला में एसीपी कैंट बीनू सिंह ने बताया कि सुबह एसयूवी सवार लोग दुर्गेश के घर आए थे। सभी ने अंदर बैठकर काफी देर तक बातचीत की। बाहर जाते समय किसी बात को लेकर विवाद हुआ था। तभी दुर्गेश की पेट में गोली मार कर हत्या कर दी गई। पुलिस को आशंका है कि रुपए के लेनदेन में ही विवाद हुआ है, जिसके बाद दुर्गेश को गोली मारी गई। पुलिस की प्राथमिक जांच में सचिवालय में नौकरी दिलाने के नाम पर 68 लाख रुपये के लेन-देन की बात सामने आई है। वहीं पुलिस ने एक आरोपी मनीष यादव को गिरफ्तार कर लिया है। वह फर्रुखाबाद के शिकोहाबाद का रहने वाला है।
ये भी पढ़ें- नैनीताल हाईकोर्ट का यूपी सरकार को आदेश, चार हफ्तों में करें 27.63 करोड़ रुपए का भुगतान घर से फर्जी दस्तावेज हुए बरामद- सनसनी फैलाने वाले मामले में जब पुलिस ने जांच की तो वह भी हैरान रह गई। मृतक दुर्गेश के कमरे की तलाशी ली गई तो भारी संख्या में फर्जी मार्कशीट व नौकरियों से जुड़े हुए दस्तावेज मिले। सचिवालय से जुड़े हुए भी कई कागजात और मुहर पुलिस को मौके से प्राप्त हुए। जिस मकान में दुर्गेश रहता था वो सचिवालय के एक समीक्षा अधिकारी का था। कमरे में हर जगह खून बिखरा था। इससे साफ हो रहा था कि दुर्गेश और आरोपियों में मारपीट हुई थी।