बारात घरों का निर्माण करवाया जाना अनिवार्य उप मुख्यमंत्री ने कहा कि जिलों और विभिन्न क्षेत्रों के उनके भ्रमण के दौरान आम जनता और जनप्रतिनिधियों द्वारा बारात घर और अंन्तेष्टि स्थल बनवाने की मांग की जाती है और इस तरह के सुझाव भी दिए जाते है। मौर्य ने कहा कि जनमानस की परेशानियों के दृष्टिगत यह प्रस्ताव तैयार किया गया है और वर्तमान समय की ग्रामीण जनता की वास्तविक आवश्यकता भी है,क्योंकि पहले जिन घरों के सामने काफी जगह पड़ी रहती थी। वहां बारातों के ठहरने व ग्रामीण संस्कृति से जुड़े विभिन्न परम्परागत कार्यक्रम आसानी से होते रहते थे।
यह भी पढ़ें – खंडहर हो रहे स्मारकों को बचाने की नई नीति, उद्योगपतियों को गोद दिए जाएंगे ऐतिहासिक स्मारक बढ़ती आबादी के चलते वहां पर आवासीय स्थल बन गये,परिणाम स्वरूप गांवों में अब खुले स्थानों की अपेक्षाकृत कमी हुयी है और आम लोगों विभिन्न आयोजनों के लिए कवर्ड एरिया भी बहुत ही कम है। प्राइमरी स्कूलों में भी बारातो आदि के ठहराने पर रोक भी लाजिमी है क्योंकि इससे शिक्षा व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। ऐसे में गांवों में बारात घरों का निर्माण किया जाना आज की अनिवार्य आवश्यकता है और यह औचित्यपूर्ण भी है।