करीब साढ़े नौ बजे प्रियंका गांधी बाहर निकलीं। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना शुक्ला ‘मोना’ आजू-बाजू थे। प्रियंका आईं और सभी का अभिवादन करती हुई सोफे पर बैठ गईं। थोड़ी देर बाद उठीं और एक-एक टेबिल पर जाकर पत्रकारों से मिलने लगीं। पार्टी की ओर से बुलाया गया कैमरामैन पत्रकारों के साथ प्रियंका की फोटो क्लिक कर रहा था। इस दौरान कई कांग्रेसी में भी फोटो फ्रेम में आने की जद्दोजहद करते दिखे। प्रियंका हर टेबल पर जाकर पत्रकारों से बात कर रही थीं। उनके सवालों का जवाब दे रही थीं। इस दौरान उन्होंने कई प्रश्नों के गोलमोल जवाब दिये तो कुछ सवालों पर बेबाकी से राय रखी। ज्यादातर के सवाल संगठन और सीएम कैंडिडेट को लेकर थे। उन्होंने बीजेपी को घेरा और कहा कि इस बार संगठन पूरी मजूबती से खड़ा है।
पांडाल में मौजूद हर शख्स यूपी में कांग्रेस की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा कर रहा था। प्रियंका जिनसे मिल चुकी थीं, वह आपस में चर्चा में मशगूल थे और जिनसे अभी मिलना था वह सवालों की लिस्ट तैयार कर रहे थे। आखिर वह में पत्रकार मंडली से घिरी एक टेबिल पर बैठ गईं। उनके एक तरफ अजय लल्लू थे तो दूसरी तरफ मोना। इधर-उधर खड़े कांग्रेसी भी फोटो फ्रेम में आने की जुगत कर रहे थे। अंतिम टेबिल पर प्रियंका गांधी ने करीब 15 मिनट तक पत्रकारों के सवालों के जवाब दिये। इस दौरान एक पत्रकार ने मोबाइल से लाइव रिपोर्टिंग करनी चाही तो दौड़कर आईं आराधना शुक्ला ने रोक दिया। कहा कि यह मुलाकात अनऑफिशियल है। इसके बाद उन्होंने संगठन के लोगों के साथ भी खूब तस्वीरें खिंचवाईं। करीब सवा घंटे तक प्रियंका गांधी पांडाल में रहीं। इस दौरान प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह भी पत्रकारों के अलग-अलग गुट से बात करते हुए कांग्रेस का पक्ष रखते नजर आये।