लखनवी क्राफ्ट की ली जानकारी कारोबारी प्रशांत गर्ग ने कहा कि लखनऊ आए राष्ट्रपति व उनके परिवार को लखनवी कारीगरी बेहद पसंद आई। उन्हें चिकन और इस लखनवी क्राफ्ट के बारे में बताया गया कि इसका श्रेय नूरजहां को जाता है, जिन्होंने सर्वप्रथम इसे कपड़े पर उतारा था। उन्होंने एग्जीबिशन के जरिए चिकनकारी की प्रक्रिया को बारीकी से समझा। इस दौरान वह स्टाफ के साथ संजीदगी से पेश आए। स्टाफ उनकी सादगी और सिंपल व्यवहार को देखकर कायल हो गया था। शो रूम के मालिक ने कहा कि परिवार के लोग द्वितीय तल पर भी गए और वहां एक बड़े शो केस में लगी प्रदर्शनी को देखा।
प्रतिष्ठान का इतिहास भी जाना प्रतिष्ठान के मालिक गर्ग ने कहा कि राष्ट्रपति की बेटी ने प्रतिष्ठान की स्थापना के बारे में उत्सुकता जताई। इस पर उन्हें बताया गया कि सन् 1897 में इस प्रतिष्ठान की स्थापना स्व. रामशरण गर्ग ने अपने पिता के नाम स्व. छंगामल के नाम पर की थी। पिता चंद्र प्रकाश गर्ग से होते हुए अब यह कारोबार प्रभात गर्ग और पांचवी पीढ़ी के सदस्य अनंत गर्ग संभाल रहे हैं।