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दरअसल यूपी की कई ग्राम पंचायतों में नवनिर्वाचित ग्राम प्रधानों के रिश्तेदार मनरेगा योजना के तहत ग्राम रोजगार सेवक के पद पर काम कर रहे हैं। पारदर्शिता और गुणवत्ता बनाए रखने के लिये इन्हें हटाक उनकी जगह नई भर्तियां की जाएंगी। हालांकि पुराने रोजगार सेवक के काम पर बने रहने के लिये उन्हें नजदीक की ग्राम पंचायत में वहां की पंचायत की सहमति से किया जा सकेगा। रोजगार सेवकों का म्युचुअल ट्रांसफर भी जिला स्तर के अधिकारी को प्रस्ताव भेजकर सहमति के आधार पर किया जा सकेगा।
उधर उत्तर प्रदेश में 58189 ग्राम पंचायत सहायक/एकाउंटेंट कम डाटा इंट्री ऑपरेटर की भर्ती की गाइडलाइन भी जारी कर दी गई है। प्रधान के परिवार या रिश्तेदार इसमें आवेदन नहीं कर सकेंगे। इसमें इसे पंचायत चुनाव के आरक्षण के आधार पर ही भरा जाएगा। पंचायत सहायकों की नियुक्ति में पंचायत चुनाव का आरक्षण लागू होगा। यानि जो ग्राम पंचायत चुनाव में जिन श्रेणि में आरक्षित थी वहां उसी श्रेणि में पंचायत सहायक का भी चयन होगा। एक साल के लिये संविदा पर नियुक्ति होगी और मानदेय 6000 रुपये प्रतिमाह होगा।
आवेदन 2 अगस्त से लिये जाएंगे और नियुक्ति की प्रक्रिया 10 सितंबर तक पूरी कर ली जाएगी। इसके लिये शैक्षिक योग्यता इंटरमीडिएट और उम्र एक जुलाई को 18 साल व अधिकतम 40 साल से अधिक नहीं होनी चाहिये। आवेदक उसी गांव का निवासी हो। चयन के लिये पात्रता सूची हाई स्कूल और इंटरमीडिएट में मिले अंकों के प्रतिशत के आधार पर ग्राम पंचायत की प्रशासनिक समिति तैयार करेगी।
पंचायती राज मंत्री भूपेंद्र सिंह चौधरी ने बताया है कि पंचायत सहायकों की नियुक्ति ग्राम पंचायत स्तर पर ही होगी। नियुक्ति पर अंतिम मुहर जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति लगाएगी। पात्रता सूची सबसे अधिक अंक वाले का चयन होगा। उसका विवरण समिति के पास जाएगा जहां उसकी पात्रता की जांच कर समिति नियुक्ति के लिये संस्तुति कर देगी। यदि चयनित अभ्यर्थी योग्यता के मानदंड पूरे नहीं करता तो दूसरे ग्राम पंचायत दूसरे अभ्यर्थी का चयन करेगी। किसी भी पंचायत सहायक को कार्य या आचरण संतोषजनक न पाए जाने पर एक माह की नोटिस देकर हटाया जा सकता है। नियुक्ति और चयन पक्रिया के बारे में विस्तार से जाननेे के लिये यहां क्लिक करें ।