केरल के डॉ सुभाष माल्या ने बताया कि कोरोना के शुक्राणुओं पर पड़ने वाले असर पर ब्राजील और अमेरिका में दो शोध पूरे हो चुके हैं। शोध में यह पता लगाया जा रहा है किकि डीएमए टूटने से गर्भस्थ शिशु मे मानसिक विकृतियां पैदा हो सकती हैं। पुरुषों में कोरोना संक्रमण के चलते शुक्राणुओं का डीएनए टूटने की वजह से भ्रूण का विकास नहीं हो पाता है, जिससे गर्भपात के मामले सामने आ रहे हैं। डॉक्टरों के मुताबिक पिछले महीनों के तुलना में गर्भपात के मामले बढ़ें हैं। अब संक्रमित मामलों के विशेष ध्यान रखा जा रहा है।
यह भी पढ़े – अब दोगुनी रफ्तार से दौडेगी ये इलेक्ट्रॉनिक साइकिल, खासियत जानकर चौंक जाएंगे आप बच्चों में आ सकती हैं विकृतियां मेरठ के विशेषज्ञ डॉ सुनील जिंदल के अनुसार यदि पुरुषों के शुक्राणु टूटे हैं और गर्भ में बच्चा कंसीव कर भी जाता है तो बच्चे में विकृतियों का डर रहता है। बच्चों शारीरिक और मानसिक दो तरह की विकृतियां हो सकती हैं। हाथ-पैरों में कमी आ सकती है। बच्चा मानसिक रूप से कमजोर हो सकता है।
शरीर के अंदर रूप बदलकर बन रहता है कोरोना विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना निगेटिव होने के बाद हमारे शरीर में बना रहता है। कोरोना हमारे शरीर के अंदर रूप बदल लेता है। समय समय पर लोगों में कहीं पेट, किडनी, फेफड़े और निमोनिया जैसी बीमारियां बना रहा है।