मसौदे में टू चाइल्ड प्लान को समर्थन आयोग की सचिव सपना त्रिपाठी ने कहा कि संशोधित मसौदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ऑफिस में जमा कर दिया गया है। आयोग को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के जजों और वकीलों समेत करीब 8,500 सुझाव मिले थे। करीब 99.5 प्रतिशत लोगों ने जनसंख्या नियंत्रण कानून का समर्थन किया था। सपना त्रिपाठी ने कहा कि कई फैसलों में सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा है कि दो बच्चों की नीति जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा के खिलाफ नहीं है और न ही यह धर्म की स्वतंत्रता के खिलाफ है। यह नीति देश के कल्याण के लिए है और देश के विकास के लिए बहुत ही जरूरी है।
दो बच्चों वालों को सरकारी फायदे मसौदे के मुताबिक अगर किसी के दो से ज्यादा बच्चे हैं, जिनमें एक का जन्म तय तारीख के बाद हुआ है तो उसे सरकारी नीति का उल्लंघन माना जाएगा। इसके हिसाब से पहले से दो बच्चों वाला व्यक्ति अधिनियम की अधिसूचना के एक साल के भीतर तीसरा बच्चा पैदा कर सकता है। वहीं अपनी मर्जी से नसबंदी करवाने वाले कपल को इस पॉलिसी में कंसीडर किया जा सकता है। अगर पत्नी की उम्र 45 वर्ष है और उनके छोटे बच्चे की उम्र 10 साल है तो उसे पॉलिसी में कंसीडर किया जाएगा। ड्राफ्ट बिल के मुताबिक जो व्यक्ति टू-चाइल्ड पॉलिसी को अपनाएगा, उसे हाउसिंग बोर्ड या डेवलपमेंट अथॉरिटी से प्लॉट या हाउस साइट की खरीद पर सब्सिडी का लाभ मिलेगा। वहीं घर बनाने और खरीदने के लिए कम ब्याज पर लोन का फायदा भी मिलेगा।