पूर्वांचल के किसानों को बधाई देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि, यह बेहद दुखद है कि देश के धन, समय और संसाधनों का दुरुपयोग होता है। 50 साल पहले शुरू हुई इस योजना की लागत 100 करोड़ रुपए थी पर आज पूरा होने तक 10 हजार करोड़ रुपए की लागत हो गई है। ये व्यर्थ हुआ धन और समय जनता का है। पहले की सरकारों की लापरवाही की वजह से इस परियोजना की लागत 100 गुना ज्यादा बढ़ गई है।
किसानों की बड़ी जरूरतें पूरा करेगी यह परियोजना :- मोदी प्रधानमंत्री मोदी ने कहाकि, जब हम सरकार में आए थे तब देश में 99 सिंचाई की परियोजनाएं अधूरी पड़ी थीं। उसमें सरयू नहर परियोजना भी थी। इस परियोजना से किसानों के खेतों की प्यास बुझेगी और हमारी संस्कृति में कहा भी जाता है कि अगर किसी प्यासे को पानी पिला दिया तो बड़ा पुण्य होता है। यह परियोजना किसानों की बड़ी जरूरत को पूरा करेगी।
25 लाख टन अतिरिक्त अनाज पैदा होगा : सीएम योगी इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहाकि, जिन क्षेत्रों ने कभी सपना भी नहीं देखा था कि उन्हें सिंचाई के लिए पानी मिलेगा। सरयू नहर परियोजना 25 लाख किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने वाली होगी। यहां 25 लाख टन अतिरिक्त अनाज पैदा होगा। 9 ज़िलों के किसानों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए इस योजना के माध्यम से उनके घरों में हर साल 50 हज़ार करोड़ रुपए आएंगे।
सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना एक नजर – सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना को योजना वर्ष 1972 में तैयार हुई थी। इस परियोजना में बहराइच, श्रावस्ती, बलरामपुर, गोंडा, बस्ती, सिद्धार्थनगर, संतकबीरनगर, महराजगंज और गोरखपुर समेत नौ जिलों को जोड़ा गया है। 6623 किमी लंबी नहर प्रणाली से मिलाने के लिए घाघरा से राप्ती, राप्ती से बाणगंगा, बाणगंगा से रोहिल नदी को जोड़ा गया है।