उन्होंने सम्मेलन को हाइब्रिड प्रारूप में करवाने की भरपूर प्रशंसा की और कहा कि इससे विभिन्न स्तर के अधिकारियों के बीच सूचनाओं का प्रवाह सुगम हुआ है। उन्होंने देश भर की पुलिस फोर्स के लाभ के लिए इंटर ऑपरेबल तकनीकों के विकास पर ज़ोर दिया। गृहमंत्री के नेतृत्व में एक हाई पावर पुलिस टेक्नालाजी मिशन गठित करने के लिए कहा ताकि भविष्य की तकनीकों को जमीनी स्तर की पुलिस आवश्यकताओं के अनुरूप ढाला जा सके। सामान्य लोगों के जीवन में तकनीक के महत्व को रेखांकित करने के लिए प्रधानमंत्री ने क्वाइन जेम और यूपीआई के उदाहरण दिए।
उन्होंने कोरोना महामारी के बाद पुलिस के व्यवहार में जनता के प्रति आए सकारात्मक बदलाव की प्रशंसा की और कहा कि ड्रोन तकनीक का उपयोग लोगों के लाभ के लिए किया जाना चाहिए। वर्ष 2014 में लागू किए गए स्मार्ट पुलिसिंग की नियमित समीक्षा करने, उसमें लगातार बदलाव लाने और उसे संस्थागत करने पर बल दिया। पुलिस की रोज़मर्रा की समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने उच्च तकनीकी शिक्षा प्राप्त युवाओं को जोड़ने के लिए कहा ताकि हैकथॉन के माध्यम से तकनीकी समाधान ढूंढे जा सकें।
प्रधानमंत्री ने सूचना ब्यूरो के कर्मियों को विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किए। पहली बार प्रधानमंत्री के निर्देश पर अनेक राज्यों के आईपीएस अधिकारियों ने समसामयिक सुरक्षा मुद्दों पर अपने लेख प्रस्तुत किए, जिससे इस सम्मेलन का महत्व और बढ़ गया।
राजधानी लखनऊ स्थित पुलिस मुख्यालय में 19 नवम्बर से चल रहे तीन दिवसीय पुलिस महानिदेशक व पुलिस महानिरीक्षक सम्मेलन का आज समापन हुआ। गृहमंत्री अमित शाह ने इसका उद्घाटन किया था। यहां पर उन्होंने देश के तीन सर्वश्रेष्ठ पुलिस थानों को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया था। सम्मेलन में विभिन्न राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों तथा सीएपीएफ व सीपीओ के 62 महानिदेशक व महानिरीक्षक लखनऊ में शामिल हुए। इसके अतिरिक्त, विभिन्न वरिष्ठता के 400 से अधिक अधिकारियों ने देश भर में मौजूद आसूचना ब्यूरो कार्यालयों से वर्चुअल तौर पर इसमें भाग लिया।