रॉ के अधिकारी नकार रहे पूर्व एजेंट होने का दावा मनोज के अनुसार, उन्हें अफगानिस्तान सीमा पर जासूसी करने के लिए गिरफ्तार किया गया था और उन्हें यातना का सामना करना पड़ा था। उन्होंने कहा कि वापसी के बाद रॉ के कुछ अधिकारियों ने उन्हें वित्तीय मदद दी, लेकिन इसके बाद उन्हें उनकी हालत पर छोड़ दिया गया। उनके अनुसार, अधिकारी अब इस तथ्य को नकार रहे हैं कि वह रॉ के एक पूर्व एजेंट हैं। उन्होंने सरकार से रहने के लिए घर की अपील कर कहा कि वह ऐसे काम की तलाश कर रहे हैं जो उन्हें दो वक्त की रोटी दे सके। उन्होंने बेबसी के साथ कहा, “गरीबों के लिए बहुत सारी योजनाएं हैं, लेकिन मेरे लिए कुछ भी नहीं है।”