देना होगा पुराने निर्माण का प्रूफ
संयुक्त निदेशक ने लोगों को बताया कि संरक्षित स्मारकों की सौ मीटर परिधि में 1992 से पहले बने भवनों की मरम्मत का प्रावधान है। लोगों को इस बात का प्रूफ दिखाना होगा कि वाकई उनके मकान वर्ष 1992 से पहले के बने हुए हैं। प्रूफ के तौर पर खतौनी की नकल या राजस्व विभाग की रिपोर्ट भी लगाई जा सकती है। उसके बाद आसानी से राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) से ऑनलाइन आवेदन के जरिए अनुमति हासिल की जा सकती है। लेकिन अधिकांश लोगों को एएसआई के इस नियम की जानकारी नहीं है। ये भी पढ़ें:-
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एएसआई की संरक्षित स्मारक के सौ मीटर परिधि को निर्माण कार्यों के लिए निषिद्ध घोषित किया गया है। उस सौ मीटर से आगे दो सौ मीटर यानी स्मारक से तीन सौ मीटर की परिधि को प्रतिषिद्ध क्षेत्र घोषित किया गया है। प्रतिषिद्ध क्षेत्र में निर्माण या नव निर्माण के लिए एनएमए से अनुमति लेने का प्रावधान है। राज्य में संस्कृति सचिव को इसके लिए नोडल नियुक्त किया गया है। लेकिन सौ मीटर की परिधि में अनुमति नहीं होने के कारण राज्य भर के हजारों लोग परेशान हैं।