ये भी पढ़ें- ड्राइविंग लाइसेंस के बदल गए नियम, अब नहीं लगाने पड़ेंगे आरटीओ दफ्तर के चक्कर आरसी मामले में बीते 15 दिनों से परिवहन विभाग की लापरवाही या कहे सुस्त रवैया सामने आ रहा है। करीब 15000 आवेदकों की आरसी संभागीय परिवहन कार्यालय से गायब है। वाहन स्वामी पूछते को अधिकारियों से जवाब आता कि छपे आरसी प्रपत्र मंगाए जा रहे हैं।
क्यों नहीं हो रहा समस्या का समाधान- यह देखने को मिल रहा है कि आमजन से जुड़ी परेशानियों का उच्चाधिकारी संज्ञान नहीं ले रहे हैं। कुछ समस्याएं दबा ले रहे हैं। और जब जवाबदेही होती है, तो उसका भी रास्ता निकाल लेते हैं। कुछ आरसी अलमारी में बंद रखी रहती हैं और जुगाड़ होने पर या फिर वीआईपी की मांग पर ही यह मिल रही हैं। विभागीय कर्मी होने की वजह से उन्हें अंदाजा होता है कि कब तक आरसी के प्रपत्र छपकर आ जाएंगे और कब तक किल्लत रहने वाली है। इसको देखते हुए पंजीयन प्रमाण वह अपने हिसाब से ही धीरे-धीरे बाहर निकालते हैं। परिवहन आयुक्त कार्यालय इस व्यवस्था को ठीक नहीं कर पा रहा है और आमजन परेशान हैं।
ये भी पढ़ें- बाराबंकी में पुराने वाहनों के बाजार पर कसा शिकंजा, पुलिस और परिवहन विभाग की टीम ने की बड़ी कार्रवाई अधिकारी ने दिया भरोसा- संभागीय परिवहन अधिकारी आरपी द्विवेदी का कहना है कि डिमांड मुख्यालय को दे दी गई है। आरसी प्रपत्र छप कर जल्द ही आ जाएंगे। आरसी मिलते ही लंबित पड़े वाहन स्वामियों को पंजीयन प्रमाणपत्र दे दिए जाएंगे। आपको बता दें कि लखनऊ में प्रतिमाह औसतन करीब 15000 से अधिक नए वाहन एजेंसियों से खरीदे जाते हैं। इसके अतिरिक 7 से 8 हजार पंजीयन प्रमाण पत्र संशोधन के लिए आते हैं।