पेड़ों के संरक्षण की धार्मिक मान्यता हमारे देश में कई तरह के वृक्षों को धार्मिक मान्यता देते हुए इन्हें संरक्षित रखने पर विशेष जोर दिया गया है। पीपल, बरगद, पाकड़, गूलर और आम ये पांच तरह के पेड़ धार्मिक रूप से बेहद महत्व रखते हैं। दरअसल इनकों संरक्षित रखने के पीछे की धार्मिक मान्यता देखें तो ये पेड़ कई मायनों में बेहद लाभकारी साबित होते हैं। पीपल और बरगद के पेड़ लम्बे समय से हमारी ग्रामीण परम्परा का अभिन्न अंग रहे हैं। एक ओर जहाँ इन पेड़ों के नीचे गाँव के लोग चौपाल लगाते हैं तो दूसरी ओर गर्मी के मौसम में राहगीर और जानवर इन पेड़ों के नीचे शरण लेते हैं।
पक्षियों और पशुओं को मिलती है छाया पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे सामाजिक कार्यकर्ता बृजेन्द्र पाल सिंह कहते हैं कि ऐसे पेड़ पर्यावरण के लिए अधिक फायदेमंद हैं क्योकि ये अन्य पेड़ों की तुलना में अधिक ऑक्सीजन उत्सर्जन करते हैं। इसके अलावा इन पेड़ों की घनी शाखाओं में कई तरह के पक्षी अपना आशियाना बनकर रहते हैं और कई तरह के पक्षियों को इन पेड़ों से भोजन भी मिलता है। ऐसे में जरूरी है कि पौधारोपण के अभियानों में ऐसे पौधों को रोपने पर विशेष रूप से बल दिया जाये। इसके साथ ही इन पेड़ों के काटे जाने पर पूरी तरह से रोक लगा दी जानी चाहिए।