ये भी पढ़ें- यूपी: कोविड मामलों में फिर आई गिरावट, दिनों बाद लखनऊ में मिले दो हजार से कम केस, लेकिन मृत्यु दर में नहीं कोई बदलाव सर्दी और जुखाम होने की शिकायत पर उन्होंने अपनी कोरोना जांच करवाई, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आई। घर में उनके साथ रहने वाली उनकी छोटी पुत्री भी कोरोना पॉजिटिव निकलीं। शांता भटनागर के बाकी बेटे-बेटियां घर के आसपास ही रहते हैं। दादी के कोरोना की खबर मिली तो उन लोगों ने भी कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए दादी की देखभाल की। खाने-पीने व दवाइयों का प्रबंध किया। यहां दादी ने अनुशासन के साथ नियमित तरीके से दवा व अन्य जरूरी चीजों को ग्रहण करना शुरू किया। इस दौरान उनका ऑक्सीजन लेवेल भी गिरकर 89 तक पहुंच गया था, लेकिन केजीएमयू की डॉक्टर के संपर्क में आकर उन्होंने घर बैठे इलाज किया। केजीएमयू के डीपीएमआर में सीनियर प्रोस्थेटिस्ट एवं प्रभारी वर्कशाॅप शगुन सिंह दादी से फोन के जरिए संपर्क में रही।
ये भी पढ़ें- अभिनेत्री पिया बाजपेई ने कोविड संक्रमित भाई के लिए लगाई थी मदद की गुहार, हुई देर, हो गया निधन जैसा डॉक्टर ने कहा वैसा दादी ने किया-डॉक्टर का कहना है कि फोन के जरिए दादी को लगातार दिशा निर्देश दिए गए और दादी ने उनका पालन किया। वह कोरोना संक्रमित होते हुए भी पहले की तरह सक्रिय रहीं। सुबह-सुबह में पांच वह उठती, गरम पानी से नहातीं। ब्रीथिंग एक्सर्साइज करती, इसमें वह ओम और राधे-राधे का जाप करती थी, जिसकी वॉयस रिकॉर्डिंग वह भेजती थी। इसके अतिरिक्त जब भी बलगम आता वह उसे थूंकने जाती। नियमित वह दवाई भी लेती थी। शांता दादी की 14 दिनों बाद कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आई और आज वह सभी के लिए मिसाल हैं।